लाहौरः पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पहली बार बड़ा ऑफर दिया है। सत्तारूढ़ दल मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) गठबंधन ने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी का आह्वान किया है कि वह सड़कों पर अपने प्रदर्शन छोड़ दे और सरकार के साथ ‘सार्थक’ संवाद करे। सोमवार को एक खबर में यह जानकारी सामने आई। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, सीनेट के सभापति यूसुफ़ रजा गिलानी और नियोजन मंत्री अहसान इकबाल ने बातचीत के लिए तैयार होने के सरकार के रुख पर जोर देते हुए कहा कि इमरान की पार्टी को तय करना चाहिए कि वह किससे बातचीत करना चाहती है।
लाहौर में मीडियाकर्मियों के साथ संवाद में गिलानी ने बातचीत करने की सरकार की इच्छा दोहराई। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) किसी और से बातचीत का इरादा रखती है। पीपीपी के वरिष्ठ नेता गिलानी (71) ने कहा कि देश इस समय अस्थिरता से जूझ रहा है और इसलिए सभी नेताओं को एक साथ आना होगा। अखबार ने गिलानी के हवाले से कहा कि पीटीआई नीत सरकार के समय में विपक्ष में रहते हुए भी वे बातचीत के इच्छुक थे जबकि पीटीआई ऐसा नहीं चाहती थी।
सरकार ने कहा संवाद के खुले हैं दरवाजे
गिलानी ने एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि पीपीपी मौजूदा सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘पीपीपी ने कभी यह संकेत नहीं दिया कि वह सरकार का हिस्सा नहीं है। हम सभी मामलों में सरकार के साथ हैं।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और पंजाब प्रांत में मंत्रिमंडल में लोगों को शामिल करने के लिहाज से पार्टी के अंदर विचार-विमर्श जारी है। इस बीच नियोजन मंत्री इकबाल ने कहा कि सरकार के दरवाजे सार्थक संवाद के लिहाज से सभी के लिए खुले हैं। इकबाल ने कहा कि खैबर-पख्तूनख्वा में पीटीआई सत्तारूढ़ पार्टी थी और उन्हें वहां जनता की सेवा करनी चाहिए। (भाषा)
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