जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सबसे बड़ा झटका लगा है। वह 8 फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालांकि जेल में रहते हुए ही इमरान खान ने दो सीटों से नामांकन दायर किया था। मगर निर्वाचन अधिकारी ने उनके दोनों नामांकन को खारिज कर दिया है। इससे इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। साथ ही दोबारा पाकिस्तान का पीएम बनने का उनका सपना भी चकनाचूर होता नजर आ रहा है। हालांकि इमरान खान ने निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है।
इमरान ने आठ फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले पंजाब में नेशनल असेंबली की दो सीटों के लिए अपने नामांकन पत्रों को अस्वीकृत किए जाने को गलत बताया है। उन्होंने बुधवार को लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधिकरण में निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को चुनौती दी है। लाहौर के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने शनिवार को पंजाब के लाहौर और मियांवाली जिलों में नेशनल असेंबली (संसद) की दो सीटों के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सुप्रीमो के नामांकन पत्रों को नैतिक आधार और तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के आधार पर खारिज कर दिया था।
इमरान ने इस आधार पर दी निर्वाचन अधिकारी के फैसले को चुनौती
खान ने बुधवार को अपने वकील के माध्यम से एनए-122 लाहौर और एनए-89 मियांवाली के लिए उनके नामांकन पत्रों को खारिज करने के आरओ के फैसले को चुनौती दी और तर्क दिया कि तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने का अनुच्छेद 62 (1)(एफ) के तहत उनकी अयोग्यता से कोई संबंध नहीं है। इसलिये संविधान के अनुसार, उनके नामांकन पत्र को खारिज नहीं किया जा सकता है। खान ने कहा कि आरओ ने उनके प्रस्तावकों और अनुमोदकों के उन निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित नहीं होने पर भी आपत्ति जताई थी, जहां से वह चुनाव लड़ रहे हैं। खान ने कहा, “प्रस्तावक और अनुमोदक दोनों एनए-122 और एनए-89 से संबंधित हैं (और) आरओ की इस आपत्ति का कोई आधार नहीं है।
उन्होंने आरओ के फैसले को रद्द करने और उन्हें उन्हीं दो निर्वाचन क्षेत्रों से 8 फरवरी का चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए अदालत से गुहार लगाई। खान (71) अगस्त 2023 से विभिन्न मामलों में अडियाला जेल में बंद हैं। बुधवार को आरओ के फैसलों को चुनौती देने की आखिरी तारीख थी। (भाषा)