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पाकिस्तान को आजाद कराने निकले इमरान! सेना से लेकर सरकार तक पर साधा निशाना, जानिए दोनों को लेकर कौन सी बड़ी बातें कहीं

Imran Khan-Pakistan Army: इमरान खान हकीकी आजादी मार्च निकाल रहे हैं। उन्होंने सेना के दो अधिकारियों के खिलाफ जांच कराने की मांग की है। उन्होंने चुनाव कराने की मांग भी की।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान- India TV Hindi Image Source : AP पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान

Imran Khan-Pakistan Army: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों अपने हकीकी आजादी मार्च को लेकर खूब चर्चा में हैं। उन्होंने शनिवार को विरोध मार्च के दूसरे दिन पाकिस्तान के ताकतवर प्रतिष्ठान पर फिर से निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान के लोगों को भेड़-बकरी समझकर व्यवहार नहीं करना चाहिए। हालांकि, गठबंधन सरकार ने समय पूर्व चुनाव कराने की मांग पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान से बातचीत करने से इनकार कर दिया है।

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोशल मीडिया पर कहा कि चुनाव संवैधानिक रूप से निर्धारित समय पर होंगे और इमरान की पार्टी के साथ बातचीत की कोई संभावना नहीं है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने भी खान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया है। खान जल्द चुनाव की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद तक विरोध मार्च निकाल रहे हैं। नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त हो जाएगा और 60 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव होने चाहिए।

लाहौर में रैली संबोधित की

विरोध मार्च के दूसरे दिन वाहनों के काफिले के साथ इस्लामबाद के लिए रवाना होने से पहले लाहौर के शाहदरा इलाके में आयोजित विरोध रैली को इमरान ने संबोधित किया है। अपने प्रतिष्ठान विरोधी जुमले को दोहराना जारी रखते हुए इमरान ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह सैन्य नेतृत्व और शीर्ष खुफिया एजेंसी के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हमें जानवर समझकर व्यवहार नहीं करें, आप पहले उन चोरों को बुलाते हैं और फिर उन्हें हम पर थोप देते हैं और हमें भेड़-बकरियां कहते जो अब इस दिशा में बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने स्पष्ट इशारा किया कि सैन्य प्रतिष्ठान पहले के शासकों के बारे में उन्हें क्या बताया करते थे।

इमरान ने पूछा, ‘नवाज शरीफ पहले एक चोर था, लेकिन अब साफ-सुथरा है।’ उन्होंने कहा कि इसके पहले जरदारी को दुनिया में ‘श्रीमान दस प्रतिशत’ के रूप में जाना जाता था, लेकिन वे कहते हैं कि चूंकि अब ‘हमने फैसला’ किया है इसलिए आप भी उनको स्वीकार कीजिए। अपनी पार्टी के सीनेटर 75 वर्षीय आजम स्वाति को कथित तौर पर प्रताड़ित करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इस महीने की शुरुआत में सेना के खिलाफ एक ट्वीट करने पर गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

लोगों को आजादी का मतलब बताया

उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वह उन्हें यह बताने आए हैं कि आजादी क्या है। उन्होंने कहा कि आजाद व्यक्ति विश्व पर शासन कर सकता है। उधर, इस्लामाबाद पुलिस ने शनिवार को एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए होटलों और अतिथि गृहों को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली रैली में हिस्सा लेने वाले उनके समर्थकों को ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने से रोक दिया है। इमरान पाकिस्तान सरकार पर जल्द आम चुनाव कराने की तारीख घोषित करने का दबाव बनाने के मकसद से यह विरोध मार्च कर रहे हैं।

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने 28 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि उसने भी टेलीविजन चैनलों को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं के भाषणों और रैलियों का सीधा प्रसारण न करने का निर्देश दिया है। प्राधिकरण ने कहा था कि एक भाषण के दौरान यह देखा गया कि आचार संहिता और अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए ‘सरकारी प्रतिष्ठानों के खिलाफ बयानों का सीधा प्रसारण किया गया है।’ पीईएमआरए ने इस आदेश का अनुपालन न करने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।

शुक्रवार को शुरू हुआ था मार्च

पीटीआई का ‘हकीकी आजादी मार्च’ शुक्रवार दोपहर को लाहौर में लिबर्टी चौक इलाके से शुरू हुआ। पार्टी ने लाहौर के कई इलाकों में भी शक्ति प्रदर्शन किया। यह मार्च गत रात दाता दरबार में रुका था। इमरान ने कहा है कि कोई भी पीटीआई के इस लंबे विरोध मार्च को नहीं रोक सकता और उनके इस्लामाबाद पहुंचने तक पार्टी समर्थक अगले आदेश का इंतजार करें। पीटीआई प्रमुख ने शनिवार को एक टीवी चैनल द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में एक पत्रकार से कहा, ‘जब हम इस्लामाबाद पहुंचेंगे तो क्या होगा, यह जानने के लिए आपको इंतजार करना होगा।’

इस्लामाबाद पुलिस ने होटलों और अतिथि गृहों को इस मार्च में भाग ले रहे लोगों को ठहरने की सुविधा देने से रोक दिया है। पुलिस ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर यह निर्देश दिया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है, ‘होटलों और अतिथि गृहों की रोजाना जांच की जाएगी। आदेश का पालन न करने वाले प्रतिष्ठानों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’ शुरुआत में योजना शनिवार रात कमोके पहुंचने की थी जहां खान अपने समर्थकों को संबोधित करने वाले थे। हालांकि, योजना बदल दी गई और अब मार्च रविवार को कमोके पहुंचेगा और खान अपने समर्थकों को भी संबोधित करेंगे।

इस बीच सरकार ने मार्च में शामिल लोगों से निपटने के लिए गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो सोमवार को अपनी पहली बैठक करेगी। इमरान ने शनिवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से आग्रह किया कि सेना के दो अधिकारियों के खिलाफ स्वाति को प्रताड़ित करने के आरोप की जांच कराएं।  

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