Pakistan Flood: पाकिस्तान में बाढ़ से मची तबाही के बारे में पूरी दुनिया जानती है। जिससे करोड़ों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। यहां बाढ़ ग्रस्त इलाकों में रहने वाले लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं हो पा रहीं। यहां मानसून की बाढ़ ने 1300 से अधिक लोगों की जान ले ली है। जबकि देश के एक तिहाई हिस्से को पानी में डुबा दिया है। यहां के सिंध प्रांत में हैदराबाद शहर के बाहरी इलाके में बहने वाली सिंधु नदी के उफान पर आने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। जो झोपड़ियां डालकर रहने को मजबूर हैं। ड्रोन से लिए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि सिंध प्रांत के कृषि और आवासीय क्षेत्र पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। केवल ऊंचे पेड़ और इमारतें ही दिखाई दे रही हैं।
दूसरी तरफ यहां की महिलाओं को एक दूसरी समस्या को भी झेलना पड़ रहा है। वह अपने घरों को छोड़ जिन कैंप्स में रहने को मजबूर हैं, वहां पर्याप्त मात्रा में शौचालय नहीं हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सकीना बीबी नाम की एक स्थानीय महिला का कहना है, 'यहां करीब 200 से 250 लोग रहते हैं। हम इतनी जल्दी में अपने घरों से निकले कि हमने रात के कपडे़ पहने हुए थे। हमारे घर उसके भीतर रखे सामान के साथ ही नष्ट हो गए। यहां तक कि कुछ फूस की झोपड़ियां बच्चों के ऊपर गिर गईं।' पंजाब प्रांत के लोगों को भी एक छोटे ग्रामीण रेलवे स्टेशन के आसपास टेंट लगाकर रहना पड़ रहा है। जहां तक संकरी गली से ही पहुंचा जा सकता है।
नहाने और बाथरूम जाने की कोई जगह नहीं
लोगों को यहां टेंट में कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। आसपास से सड़ी हुई सब्जियों और पशुओं के मल की बदबू आ रही है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, जेबुनिसा बीबी नाम की महिला का कहना है, 'यहां नहाने की कोई जगह नहीं है और न ही बाथरूम जाने की।' जेबुनिसा को दो हफ्ते पहले अपने घर के बाढ़ के पानी में डूबने के कारण परिवार के साथ यहां कैंप में रहने के लिए आना पड़ा है। लोगों को जल जनित बीमारियां भी हो रही हैं।
पाकिस्तान ने बाढ़ को दानव मॉनसून बताया
इससे पहले पाकिस्तान से खबर आई थी कि यहां मॉनसून के कारण आई बाढ़ को 'दानव मॉनसून' करार दिया गया है। इससे पता चलता है कि बारिश के कारण वहां किस हद तक तबाही हुई है। बीते दो महीने के दौरान आई इस आपदा से पहले देश को मार्च और अप्रैल के महीने में प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ा था। इस गर्मी के कारण पाकिस्तान के उत्तर में स्थित ग्लेशियरों के पिघलने की गति में वृद्धि हुई और जुलाई अगस्त के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अप्रत्याशित बारिश हुई है। मानव जनित कारणों से जलवायु में हुए परिवर्तन की वजह से मौसम में इस तरह का बदलाव देखने को मिला है। इस साल की गर्मी ने पिछले सौ वर्षों का कीर्तिमान ध्वस्त कर दिया और दक्षिण पूर्वी सिंध प्रांत में औसत से नौ गुना ज्यादा बारिश हुई है।
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