Pakistan Floods News: पाकिस्तान पर पिछले दिनों बाढ़ का कहर जमकर टूटा था और यह मुल्क अभी भी इससे उबर नहीं पाया है। तमाम एक्सपर्ट्स का इशारा था कि पाकिस्तान में आई बाढ़ जलवायु परिवर्तन या ‘क्लाइमेट चेंज’ का नतीजा थी, लेकिन एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस साइंटिफिक स्टडी के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले महीने आयी विनाशकारी बाढ़ की इकलौती वजह केवल जलवायु परिवर्तन नहीं है बल्कि कई सालों में जो मानवीय हस्तक्षेप बढ़ा है उसका भी इस तबाही में पूरा हाथ है।
50 फीसदी ज्यादा बारिश की वजह जरूर है क्लाइमेट चेंज
स्टडी की वरिष्ठ लेखक एवं इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन में जलवायु वैज्ञानिक फ्रेडरिक ओट्टो ने कहा कि पाकिस्तान में कुछ मौसम विज्ञान संबंधी, कुछ आर्थिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और निर्माण कार्य संबंधी तत्व इस आपदा की मुख्य वजह है लेकिन मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। दरअसल, पाकिस्तान के 2 दक्षिणी प्रांतों सिंध और बलूचिस्तान में पिछले महीने हुई 50 प्रतिशत अधिक बारिश की वजह जलवायु परिवर्तन होने की आशंका जतायी गयी है।
Image Source : APएक समय पाकिस्तान का एक-तिहाई हिस्सा डूबा हुआ था।
पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा बाढ़ में डूब गया था
बाढ़ से मची तबाही का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक समय देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो गया था। इन दोनों प्रांतों, सिंध और बलूचिस्तान का आकार यूरोप के देश स्पेन के बराबर है। ओट्टो ने कहा कि पिछले महीनों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी लेकिन हालात को बदतर करने में जरूर जलवायु परिवर्तन का हाथ है। उन्होंने कहा, ‘और खासतौर से इस अत्यधिक संवदेनशील क्षेत्र में छोटे-छोटे बदलाव भी काफी मायने रखते हैं।’
वैज्ञानिकों ने स्टडी में कम्प्यूटर सिमुलेशन का भी इस्तेमाल किया
ओट्टो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के अलावा अन्य मानवीय वजहें भी हैं जिन्होंने लोगों की जान खतरे में डाली। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की अध्ययन की सदस्य आएशा सिद्दीकी ने कहा, ‘यह आपदा मानवीय हस्तक्षेप का नतीजा है जो पिछले कई वर्षों में किया गया।’ वैज्ञानिकों ने न केवल 1961 के बाद की बारिशों के रिकॉर्डों की स्टडी की बल्कि उन्होंने कम्प्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल भी किया। इससे उन्हें बाढ़ के सटीक कारणों का पता लगाने में मदद मिली।
Image Source : APपाकिस्तान में लोग भोजन और दवा के संकट का भी सामना कर रहे हैं।
पाकिसतान में आई बाढ़ में मारे गए करीब 1500 लोग
इस्लामाबाद में जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास केंद्र के जलवायु वैज्ञानिक फहाद सईद ने कहा कि इस मानसून में सामान्य से अधिक बारिश में कई तत्वों ने योगदान दिया, जिसमें ला नीना भी शामिल है। ला नीना उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र, कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच प्रशांत महासागर के क्षेत्र में सामान्य से अधिक ठंडे पानी की गतिविधियों के कारण होता है। बता दें कि पाकिस्तान में आई इस विनाशकारी बाढ़ की वजह से 530 बच्चों समेत लगभग 1500 लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे।
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