Pakistan Flood: संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बुधवार को दुनिया से अपील कर कहा कि और भी देश पाकिस्तान में बाढ़ से प्रभावित करीब 3.3 करोड़ लोगों की मदद के लिए तेजी से कदम उठाए। UN ने कहा कि पिछले सप्ताह प्रभावितों के लिए कोष एकत्रित करने की शुरुआत की गई थी और अब तक तय लक्ष्य का महज 20 प्रतिशत कोष ही एकत्र किया जा सका है। गौरतलब है कि भारी मानसूनी बारिश, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से पाकिस्तान में आई बाढ़ में कम से कम 1700 लोगों की मौत हुई है और पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है।
UN ने पाकिस्तान के लिए राहत सहायता राशी बढ़ाई
UN ने पिछले सप्ताह तबाही के स्तर को देखते हुए पाकिस्तान की मदद के लिए धन एकत्र करने के लक्ष्य को पांच गुना तक बढ़ाकर 16 करोड़ से 81.6 करोड़ डॉलर कर दिया था। UN अधिकारी बड़ी संख्या में प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य, पोषण, पेयजल, आश्रय और खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उनकी फसलें तबाह हो गई हैं और घर व मवेशी बाढ़ में बह गए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता समन्वयक जुलियन हार्नीज ने कहा कि 18 करोड़ डॉलर से अधिक राशि देने की प्रतिबद्धता जताई गई थी लेकिन महज नौ करोड़ डॉलर की पुष्टि ही संयुक्त राष्ट्र के साथ की गई है। हार्नीज ने कहा कि विश्व निकाय उपलब्ध संसाधनों के साथ संकट से निपट रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है और विश्व को मदद बढ़ानी चाहिए।
पाकिस्तान में आए बढ़ से 1700 से भी अधिक लोगों की मौत, 12000 घायल
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ से 79 लाख विस्थापित हुए हैं और करीब पांच लाख लोग अब भी तंबुओं और अस्थायी आश्रय स्थलों में शरण लिए हुए हैं। पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा जलवायु विनाशस्थल बन गया है। उन्होंने बताया कि 1,717 लोगों की मौत हो चुकी है और 12 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। रहमान ने कहा, ‘‘ पाकिस्तान प्रभावित आबादी का अकेले पुनर्वास नहीं कर सकता, उसे बड़ी मात्रा में संसाधन और त्वरित सहायता चाहिए।’’
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, ‘‘विश्व बैंक का आकलन है कि पाकिस्तान को इस बाढ़ से करीब 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, लेकिन उसे और संसाधन की आवश्यकता पड़ सकती है। पाकिस्तानी सरकार के मुताबिक बाढ़ की वजह से 40 लाख एकड़ क्षेत्र में लगी खड़ी फसल बर्बाद हो गई है और अब भी बड़े इलाके जलमग्न है जिनमें बुआई नहीं की जा सकती।
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