इस्लामाबाद: पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की छोटी बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी शुक्रवार को निर्विरोध संसद सदस्य निर्वाचित हुईं। आसिफा ने सिंध प्रांत के शहीद बेनजीराबाद इलाके की एनए-207 सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाग लिया था। यह सीट आसिफा के पिता आसिफ अली जरदारी के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद खाली हुई थी। क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार तीन उम्मीदवारों के नाम वापस लेने के बाद आसिफा निर्विरोध निर्वाचित हो गईं। नाम वापस लेने उम्मीदवारों में अब्दुल रसूल ब्रोही, अमानुल्लाह और मैराज अहमद शामिल थे।
आसिफा की प्रतिक्रिया
संसद के लिए निर्विरोध चुने जाने पर आसिफा भुट्टो जरदारी की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने है। आसिफा ने कहा कि वह आभारी और सम्मानित महसूस कर रही हैं। सोशल साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मैं समर्पण के साथ और राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना अपने निर्वाचन क्षेत्र की सर्वोत्तम सेवा करने की प्रतिज्ञा करती हूं।
आसिफा ने जनता के बीच किया काम
गौरतलब है कि, आसिफा राजनीति और समाजशास्त्र में स्नातक हैं और वैश्विक स्वास्थ्य और विकास में स्नातकोत्तर हैं। आसिफा ने शुरुआत में 2012 में पोलियो उन्मूलन के लिए सद्भावना राजदूत के रूप में काम किया था। आसिफा के इस काम की वजह से जनता के बीच उनको पहचान मिली थी।
जानें सबसे खास बात
हाल ही में आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जरदारी के साथ आसिफा भुट्टो जरदारी भी थी, जिसे प्रथम महिला या फर्स्ट लेडी नामित किया गया। आसिफा भुट्टो जरदारी को प्रथम महिला के रूप में नियुक्त किया जाना ऐतिहासिक था क्योंकि देश के राष्ट्रपति के रूप में अपने आखिरी कार्यकाल के दौरान, आसिफ अली जरदारी ने अपनी पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद प्रथम महिला का पद खाली छोड़ दिया था।
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