'खोल दो कारगिल हाईवे, हम भारत जाएंगे', PoK में शिया मुस्लिमों ने की बगावत, घबराई पाक आर्मी
इन दिनों पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्तिस्तान में इन दिनों घमासान मचा है। कट्टरपंथी सुन्नी संगठनों और पाकिस्तानी सेना के दमन के खिलाफ अल्पसंख्यक शियाओं ने विद्रोह कर दिया है।अल्पसंख्यक शियाओं के तेवर इतने तीखे हैं कि पाकिस्तान की आर्मी भी घबरा गई है।
PoK News: कंगाल पाकिस्तान से अपना देश नहीं संभल रहा है। जहां दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान के बलूचिस्तान और सिंध प्रांत में पाकिस्तान विरोधी गतिविधियां बढ़ गई हैं। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले PoK में पाकिस्तान की हुकूमत और पाक आर्मी के खिलाफ बगावत तेज हो गई है। पाकिस्तान की सेना के जुल्म से परेशान गिलगित बालतिस्तान के अल्पसंख्यक शिया मुस्लिमों में आक्रोश है। ये आक्रोश लगातार तेज होता जा रहा है। यही कारण है कि इन दिनों पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्तिस्तान में इन दिनों घमासान मचा है। कट्टरपंथी सुन्नी संगठनों और पाकिस्तानी सेना के दमन के खिलाफ अल्पसंख्यक शियाओं ने विद्रोह कर दिया है। पहली बार इस क्षेत्र के शिया संगठन फौज के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। अल्पसंख्यक शियाओं के तेवर इतने तीखे हैं कि पाकिस्तान की आर्मी भी घबरा गई है। डैमेज कंट्र्रोल के लिए आर्मी चीफ ने उलेमाओं को भेजा है।
भारत से करीब 90 किलोमीटर दूर स्कर्दू में शिया समुदाय के लोग भारत की ओर जाने वाले कारगिल हाइवे को खोलने की मांग पर अड़ गए हैं। उनका कहना है कि वे अब पाकिस्तानी फौज की हुकूमत वाले गिलगित-बाल्तिस्तान में नहीं रहना चाहते हैं, वे भारत जाना चाहते हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान की आबादी करीब 20 लाख है। इनमें से 8 लाख के करीब शिया समुदाय के लोग हैं। इन शियाओं के बगावती तेवर देखकर पाकिस्तानी आर्मी घबरा गई है। बगावती तेवरों को देखते हुए पाकिस्तान आर्मी ने अपने 20 हजार अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है।
शियाओं का पाक आर्मी पर क्या है आरोप?
पाकिस्तान आर्मी के खिलाफ शिया समुदाय के लोगों ने गिलगित बाल्तिस्तान में झंडा बुलंद कर रखा है। शियाओं ने नारा लगया 'ये जो दहशतगर्दी हैं, उनके पीछे 'वर्दी' है।' गिलगित बाल्तिस्तान के इन शियाओं का आरोप है कि पाक सेना 1947 के बाद से यहां से शियाओं को भगा रही है। सेना ने यहां सुन्नी आबादी को बसाया। कभी शिया बहुल रहे क्षेत्र में अब शिया अल्पसंख्यक हो गए हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सेना भी यहां शिया बहुल क्षेत्रों में जाने से कतरा रही है। धारा 144 लगाने के बावजूद स्कर्दू, हुंजा, दियामीर और चिलास में शिया संगठनों का प्रदर्शन जारी है। मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बगावत दबाने को एक्शन में आए आर्मी चीफ मुनीर, भेजे उलेमा
पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने सोमवार को इस्लामाबाद से चार मुस्लिम उलेमाओं को गिलगित-बाल्तिस्तान भेजा है। अतिरिक्त बटालियन भी जब बगावत दबाने में विफल रही, तो मुनीर को यह कदम उठाना पड़ा। स्कर्दू के एक शिया का कहना है कि बहुत देर हो गई, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।
शिया धर्मगुरु की गिरफ्तारी के बाद हुए प्रदर्शन
स्कर्दू में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान शिया धर्मगुरु आगा बाकिर अल हुसैनी ने एक कुछ ऐसे कमेंट किए जिससे वहां की हुकुमत नाराज हो गई। धर्मगुरु को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, अल हुसैनी ने स्कर्दू इलाके में हुई उलेमाओं की बैठक पर सवाल खड़े कर दिए थे। इसमें उन्होंने ईशनिंदा पर कानूनों को और कड़ा बनाने की मांग की थी। शियाओं का मनना है कि कि ईशनिंदा के कानून कड़े बनाकर उनके समुदाय को टारगेट किया जाएगा।
लगातार दी जा रही भारत में विलय की चेतावनी
पिछले महीने भी गिलगित बाल्तिस्तान के लोगों ने पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन किया था। स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान सरकार को गृहयुद्ध और भारत के साथ विलय की चेतावनी दी है। यहां के लोगों ने कहा कि अगर सरकार उनके खिलाफ दमन का रास्ता अख्तियार करेगी तो वो गृहयद्ध करेंगे। सरकार ने अगर उनके नेताओं को रिहा नहीं किया तो वो गिलगित बाल्तिस्तान का भारत में विलय कर देंगे।
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