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Hindi News विदेश एशिया फिर से फेल हो गई पाकिस्तान की सरकार! नहीं रोक पा रही इस खतरनाक बीमारी को

फिर से फेल हो गई पाकिस्तान की सरकार! नहीं रोक पा रही इस खतरनाक बीमारी को

पाकिस्तान में पोलियो को खत्म करने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है। ब्लूचिस्तान प्रांत में पोलियो का एक और मामला सामने आया है। नया केस सामने आने के बाद अब पोलियो के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।

Shehbaz Sharif- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Shehbaz Sharif

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पोलियो का एक और मामला सामने आया है। नया केस सामने आने के बाद इस बीमारी के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। पाकिस्तान सरकार के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि पोलियोग्रस्त हालिया पीड़ित बलूचिस्तान के पिशिन का रहने वाला है, और उसकी उम्र ढाई साल है। अधिकारियों ने कहा कि अकेले बलूचिस्तान से पोलियो के 15 मामले सामने आए हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सिंध में चार मामले सामने आए हैं जबकि खैबर-पख्तूनख्वा, पंजाब और इस्लामाबाद में एक-एक मामले सामने आए हैं।’’ 

माता-पिता की भूमिका है अहम

पाकिस्तान में पोलियो के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताते हुए पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम का जिम्मा संभाल रहीं ‘प्राइम मिनिस्टर्स फोकल पर्सन फॉर पोलियो इरेडिकेशन’ आयशा रजा फारुक ने जोर देकर कहा कि अपने बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में माता-पिता की भूमिका अहम होती है। उन्होंने कहा, ‘‘हर मामला उस बच्चे के बारे में बताता है जिसका जीवन पोलियो के कारण कष्टकर बन जाता है और वह अनावश्यक रूप से इससे प्रभावित होता है। इसका एकमात्र समाधान समय पर टीकाकरण कराना है। हर नया मामला हमें याद दिलाता है कि हम अपने बच्चों के मामले में नाकाम रहे हैं और उन्हें भी असफल बना दिया है। पोलियो के खिलाफ इस जंग में मैं सभी अभिभावकों से अनुरोध करती हूं कि वो जिम्मेदारी लें और सुनिश्चित करें कि उनके बच्चों को पोलियो का टीका समय पर मिले।’’

Image Source : file apPolio In Pakistan

क्या है सरकार की योजना

सरकार के बयान में कहा गया है कि वायरस के प्रसार को रोकने और टीकाकरण के अंतराल को कम करने के लिए इस साल के अंत में दो बार व्यापक स्तर घर-घर टीकाकरण अभियान चलाए जाने की योजना बनाई गई है। पोलियो आपात अभियान केंद्र के लिए राष्ट्रीय समन्वयक मोहम्मद अनवारुल हक ने टीकाकरण का दायरा बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘‘हर नया मामला हमें टीकाकरण के बीच के बढ़ते अंतराल की याद दिलाता है।’’ ‘डॉन’ अखबार ने हक के हवाले से लिखा, ‘‘जब एक बच्चे का टीकाकरण नहीं होता है तो वायरस जीत जाता है। आइए अपने बच्चों की सलामती और सबसे अहम वायरस को रोकने के लिए मिलकर काम करें।’’ (भाषा)

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