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अफगानिस्तान में अब'डुप्लीकेट' तालिबान का खौफ, जनता को लूट रहे 'नकली आतंकवादी'

कंधार शहर में एक शख्स ने तालिबान का नाम लेकर महिलाओं के बैग और गहने लूट लिए। आरोपी को एक महिला से 10 हजार डॉलर का सोना चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।

अफगानिस्तान में अब'डुप्लीकेट' तालिबान का खौफ, जनता को लूट रहे 'नकली आतंकवादी'- India TV Hindi Image Source : FILE अफगानिस्तान में अब'डुप्लीकेट' तालिबान का खौफ, जनता को लूट रहे 'नकली आतंकवादी'

Afghanistan News: अफगानिस्तान में तालिबान का राज है। यहां आम लोगों की जिंदगी बड़ी दुश्कर हो गई है। कट्टर कानूनों का कहर लोगों खासकर इस देश की महिलाओं को झेलना पड़ रहा है। बुर्के में रहने, पढ़ाई के लिए संघर्ष करने और कई तरह के कट्टर तालिबानी कानून जीना दूभर किए हुए हैं। इन सबके बीच अब 'नकली तालिबान' अब अफगानिस्तान की जनता को परेशान किए हुए हैं। 

अगस्त 2021 में तालिबान की वापसी के बाद जिंदगी बदतर हो गई है।  दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान में अब 'नकली तालिबान' लोगों को लूट रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंधार शहर में एक शख्स ने तालिबान का नाम लेकर महिलाओं के बैग और गहने लूट लिए। आरोपी को एक महिला से 10 हजार डॉलर का सोना चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।

अफगानिस्तान के पत्रकार बिलाल सरवरी ने 'नकली' तालिबानी की फोटो शेयर करते हुए मामले की जानकारी दी। फोटो के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'खुद को एक तालिबानी बताते हुए वह कंधार शहर में महिलाओं को लूट रहा था। वह महिलाओं से उनके बैग और गहने लूट रहा था। वह एक महिला से 10 हजार डॉलर का सोना चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। तालिबान ने उसे कंधार में पीडी 13 में पकड़ा। कंधार के तालिबानी अधिकारियों ने मुझे इसकी जानकारी दी।'

पहले ही नरक बन चुका है अफगानों का जीवन

अफगानिस्तान में फिलहाल 97 फीसदी लोग गरीबी की चपेट में हैं। साल 2018 में यह आंकड़ा 72 फीसदी पर था। तालिबान ने महिलाओं के काम करने और अकेले बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। इससे महिलाओं का नौकरी करना मुश्किल हो गया है और बड़े परिवारों में गरीबी बढ़ रही है। लोगों के पास खाने को रोटी नहीं है। बड़ी संख्या में लोग कुपोषण और नशे का शिकार हो चुके हैं। खाने की कमी, समस्या की एक बड़ी तस्वीर का छोटा सा हिस्सा है जिसमें ईंधन, पानी, घर, बिजली संकट भी शामिल है।

2021 में तालिबान ने किया था कब्जा

तालिबान को सत्ता पर काबिज हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है। आंतकियों के काबुल पहुंचने से पहले भी अफगानिस्तान में जीवन बेहद दयनीय था। लेकिन आर्थिक संकट और कई तरह के धार्मिक, सामाजिक प्रतिबंधों ने इसे और अधिक मुश्किल बना दिया है।

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