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Hindi News विदेश एशिया परमाणु जंग के लिए और बढ़ाएंगे अपनी क्षमताएं, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने लिया संकल्प

परमाणु जंग के लिए और बढ़ाएंगे अपनी क्षमताएं, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने लिया संकल्प

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने अमेरिका की सरजमीं पर हमला करने के लिए बनाई गई नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के दूसरे परीक्षण का निरीक्षण किया।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग।- India TV Hindi Image Source : FILE उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग।

North Korea News: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग परमाणु युद्ध के लिए अपनी तैयारिेयों को और तेज करने में लगे हुए हैं। हाल के समय में परमाणु ले जाने वाली मिसाइलों का लगातार परीक्षण उनके खतरनाक इरादे जाहिर करता है। इसी बीच उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग ने संकल्प लिया है कि वे अपनी न्यूक्लियर जंग की क्षमताओं को और बढ़ाएंगे।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने अमेरिका की सरजमीं पर हमला करने के लिए बनाई गई नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के दूसरे परीक्षण का निरीक्षण किया। साथ ही देश की परमाणु युद्ध क्षमताओं को और बढ़ाने का संकल्प लिया। सरकारी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। किम के बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका द्वारा अपने सहयोगी दक्षिण कोरिया के प्रति अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धता बढ़ाने के लिए हाल में उठाये गये कदमों के जवाब में उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार का विस्तार करने के लिए हथियार परीक्षण गतिविधियां तेज करेगा। 

कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ केसीएनए ने कहा, ‘किम ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि और विकसित, प्रभावी एवं भरोसेमंद हथियार प्रणाली के विकास को लगातार तेज करने के उत्तर कोरिया के रणनीतिक रूख और नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा।' किम ने कहा कि चूंकि दुश्मन देशों द्वारा हर समय कोरियाई प्रायद्वीप में सुरक्षा माहौल पर गंभीर खतरा उत्पन्न किया जा रहा है, इसलिए उत्तर कोरिया देश की परमाणु मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए बाध्य है।

ह्वासोंग-18 उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी परमाणु ताकत: किम जोंगे

केसीएनए ने बुधवार को उत्तर कोरिया द्वारा ह्वासोंग-18 आईसीबीएम के सफल प्रक्षेपण की पुष्टि करने के एक दिन बाद किम का बयान साझा किया। ह्वासोंग-18 आईसीबीएम का पहला परीक्षण अप्रैल में किया गया था। किम ने इसे अपनी परमाणु शक्ति का सबसे शक्तिशाली हथियार बताया है। प्रक्षेपण के तुरंत बाद उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों ने सबसे पहले इसकी सूचना दी थी। केसीएनए के अनुसार, प्रक्षेपण का मकसद मिसाइल की तकनीकी विश्वसनीयता और परिचालन विश्वसनीयता की पुष्टि करना था। 

दक्षिण कोरिया, जापान, अमेरिका ने की आलोचना

 दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने इस परीक्षण को लेकन उत्तर कोरिया की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शांति पर खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एडम होडगे ने एक बयान में कहा कि अमेरिका अपनी , दक्षिण कोरिया एवं जापान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। 

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