North Korea: उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग ने हाल के समय में मिसाइल टेस्ट करके दक्षिण कोरिया और जापान जैसे पड़ोस के देशों की नाक में दम कर दिया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग जो आए दिन परमाणु मिसाइलों का टेस्ट करते रहते हैं। परमाणु बमों की चाहत थी, जो उत्तर कोरिया ने 2006 में हासिल कर लिया। इसके बाद 2011 में किम जोंग ने बागडोर संभाली। अब किम जोंग को नया शौक लगा है, वे चाहते हैं कि उत्तर कोरिया के पास 'खुफिया' सैटेलाइट हो।
हाल ही में किम जोंग ने देश की पहली खुफिया सैटेलाइट का टेस्ट किया। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली। दरअसल, 31 मई को उत्तर कोरिया ने खुफिया मालिग्योंग-1 सैटेलाइट को चोलिमा-1 नाम के रॉकेट से लॉन्च किया। उत्तर कोरिया मल्टी-स्टेज रॉकेट चोलिमा-1 के जरिए खुफिया सैटेलाइट को ऑर्बिट में भेज रहा था। लेकिन जैसे ही रॉकेट दूसरे स्टेज में पहुंचा, वैसे ही वह सैटेलाइट समेत येलो सी में जा गिरा
क्यों उत्तर कोरिया को चाहिए खुफिया सैटेलाइट?
उत्तर कोरिया के तानाशाह खुफिया सैटेलाइट को हासिल करना चाहते हैं, क्योंकि उत्तर कोरिया को अमेरिका और दक्षिण कोरिया से मिसाइल अटैक का खतरा बना रहता है। यदि कभी जंग हुई तो दक्षिण कोरिया और अमेरिका की मिसाइल अटैक से बचने के लिए खुफिया सैटेलाइट मददगार होगा। उत्तर कोरिया को यह भी लगता है कि उसकी हर 'हरकतें' अमेरिका और दक्षिण कोरिया को पता लग जाती हैं। ऐसे में खुफिया सैटेलाइट उन्हें उनके मंसूबे कामयाब करने में मदद करेगा। इस सैटेलाइट के जरिए उत्तर कोरिया को ये पता चल पाएगा कि उसकी ओर आने वाले मिसाइलें किस ओर से आ रही हैं। उत्तर कोरिया को लगता है कि अगर कभी यूएस की तरफ से हमला हुआ, तो वह परमाणु हमला ही होगा। इसलिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना होगा।
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