उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अमेरिका की धरती पर हमला करने के लिए अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल तैयार करने में जुटे हुए हैं। इस बीच उन्होंने इस मिसाइल के दूसरे परीक्षण का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने नॉर्थ कोरिया के परमाणु क्षमता को बढ़ाने का भी संकल्प लिया है। सरकारी मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक किम के बयान से साफ है कि नॉर्थ कोरिया दक्षिण कोरिया के प्रति अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धता को बढ़ाने की तरफ काम कर रहा है। इसी कड़ी में नॉर्थ कोरिया अमेरिका के कदमों का जवाब देने के लिए अपना शस्त्रागार का भी विस्तार करेगा।
अमेरिका के खिलाफ शस्त्रागार बढ़ा रहे नॉर्थ कोरिया
सरकारी मीडिया ने किम के हवाले से कहा, ‘‘वर्तमान अस्थिर स्थिति में कोरियाई प्रायद्वीप में सुरक्षा माहौल पर हर समय शत्रुतापूर्ण ताकतों द्वारा गंभीर खतरा उत्पन्न किया जा रहा है। इसलिए परमाणु युद्ध से निपटने की अपनी क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।’’ ‘कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने बुधवार को उत्तर कोरिया द्वारा ह्वासोंग-18 आईसीबीएम के सफल प्रक्षेपण की पुष्टि करने के बाद किम का बयान साझा किया। प्रक्षेपण के तुरंत बाद उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों ने सबसे पहले इसकी सूचना दी थी। केसीएनए के अनुसार, प्रक्षेपण का मकसद मिसाइल की तकनीकी विश्वसनीयता और परिचालन विश्वसनीयता की पुष्टि करना था।
अमेरिका पर जासूसी का आरोप
किम ने इस प्रक्षेपण को रणनीतिक ताकतों को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम बताया है। यह प्रक्षेपण ऐसे समय पर किया गया है जब बीते कुछ वक्त पहले उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर अपने देश में जासूसी काी आरोप लगाया था। उत्तर कोरिया ने कहा था कि जासूसी के लिए अमेरिका ने उत्तर कोरिया के करीब एक सैन्य विमान उड़ाया था। इसके लिए उत्तर कोरिया ने अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। उत्तर कोरिया के इन आरोपों को दक्षिण कोरिया ने खारिज कर दिया और इसे शत्रुता बढ़ाने वाले बयान बताते हुए इससे दूर रहने को कहा था।
(इनपुट-भाषा)
ये भी पढ़ें- चीन ने लॉन्च किया दुनिया का पहला मीथेन से चलने वाला रॉकेट, अमेरिका को छोड़ा पीछे
Latest World News