North Korea Warns South Korea and US: उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच रिश्तों में लगातार तल्खी आती जा रही है। किम जोंग की सरपरस्ती में यह मुल्क न सिर्फ नई-नई मिसाइलों का परीक्षण करता रहा है, बल्कि लगातार अपने हमसाये मुल्क दक्षिण कोरिया को धमकाता भी रहा है। अब उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जॉइंट मिलिट्री एक्सर्साइज सहित उसके खिलाफ अपने शत्रुतापूर्ण सैन्य अभियान को नहीं रोका तो अमेरिका और दक्षिण कोरिया को ‘जबरदस्त’ सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। कई सैन्य विशेषज्ञ इसे हमले की धमकी के रूप में देख रहे हैं।
‘हमारे साथ जंग का रास्ता चुना तो...’
बता दें कि नॉर्थ कोरिया अमेरिका और दक्षिण कोरिया की आर्मी की किसी भी ट्रेनिंग को हमले की प्रैक्टिस के रूप में देखता है, हालांकि दोनों देशों का कहना है कि उनका उत्तर कोरिया पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस साल उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के बाद गर्मियों के मौसम में प्रशिक्षण गतिविधियों को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के एक थिंक टैंक ‘इंस्टीट्यूट ऑफ डिसार्ममन्ट एंड पीस’ के उपमहानिदेशक चो जिन ने गुरुवार को प्योंगयांग में कहा कि अगर अमेरिका और उसके सहयोगी हमारे साथ जंग का ऑप्शन चुनते हैं, तो उन्हें सुरक्षा के लिहाज से जबरदस्त अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका को दी चेतावनी
जिन ने कहा कि इस साल अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास कोरियाई प्रायद्वीप को जंग की दहलीज पर पहुंचा रहे हैं। उन्होंने अमेरिका और दक्षिण कोरियाई अधिकारियों पर अगले महीने शुरू होने वाले एक और संयुक्त अभ्यास के दौरान अमेरिकी परमाणु रणनीतिक संपत्तियों की तैनाती को लेकर चर्चा करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका को यह ध्यान रखना चाहिए कि जब वह हमें परमाणु हथियारों से डराने की कोशिश करेगा तो उसके साथ उसी तरह का व्यवहार किया जाएगा।’
मई में मिले थे बायडेन और सुक येओल
जिन ने साथ ही कहा कि अमेरिका को उत्तर कोरिया के प्रति ‘अपनी शत्रुतापूर्ण और आत्मघाती नीति’ को छोड़ देना चाहिए या फिर उसे गंभीर नतीजों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें कि मई में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन और दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने शिखर सम्मेलन के बाद कहा था कि वे उत्तर कोरियाई परमाणु खतरों को रोकने के लिए संयुक्त सैन्य अभ्यास का विस्तार करने पर विचार करेंगे।
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