North Korea News: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि उत्तर कोरिया ने अपने लोगों के अधिकारों और आजादी का दमन बढ़ा दिया है और सुरक्षा परिषद को मानवता के खिलाफ संभावित अपराधों के लिए उस पर इंटरनेशनल कोर्ट में मुकदमा चलाने पर विचार करना चाहिए। गुटेरेस ने एक नई रिपोर्ट में यह टिप्पणी की है।
'मानवाधिकारों के लिए जवाबदेही तय करने में कोई प्रगति नहीं हुई'
संयुक्त राष्ट्र महासभा को भेजी यह रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गयी, जिसमें कहा गया है कि अलग-थलग पड़े उत्तरी एशियाई देश में मानवाधिकारों के लिए जवाबदेही तय करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। इसके साथ ही रिपोर्ट में पूर्व की घटनाओं के उदाहरण दिए, जो मानवता के खिलाफ अपराध के दायरे में आ सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने मानवाधिकार परिषद को मार्च में बताया था कि उनके कार्यालय को मिली सूचना से ‘‘यह मानने के पर्याप्त सबूत है कि उत्तर कोरिया में मानवता के खिलाफ अपराध किए गए और संभवत: किए जा रहे हैं।’’
'जवाबदेही का समर्थन करना भी अनिवार्य है'
गुटेरेस ने कहा, ‘‘कोरिया जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य में मानवाधिकारों की स्थिति पर प्रतिक्रिया देना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए अनिवार्य है और साथ ही अगर मानवता के खिलाफ अपराध किए गए हैं तो उसकी जवाबदेही का समर्थन करना भी अनिवार्य है।’’
संयुक्त राष्ट्र की 18 पन्नों की यह रिपोर्ट अगस्त 2021 से जुलाई 2022 के बीच की है और इसमें कहा गया है कि उत्तर कोरिया में कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के दौरान मानवाधिकारों का ज्यादा उल्लंघन हुआ।
उत्तर कोरिया में नागरिक के अधिकारों पर पाबंदियां
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया में नागरिकों के अधिकारों पर ढेर सारी पाबंदी है। खबरों के मुताबिक, उत्तर कोरिया में विदेशी संगीत सुनना या विदेशी फिल्में देखना अपराध माना जाता है। विदेशी भाषा सामग्री का सेवन करते हुए पकड़े जाने पर किसी नागरिक को फांसी या जेल हो सकती है। यहां अमेरिकी फिल्में देखने पर फांसी की सजा हो सकती है जबकि भारतीय फिल्में देखने पर कारावास हो सकता है। हाल ही में, किम जोंग उन भी उत्तर कोरिया में सांस्कृतिक प्रभाव को सीमित करने के लिए के-पॉप संगीत को प्रतिबंधित करने की योजना बना रहे हैं।
जींस पहनने पर भी पाबंदी
इतना ही नहीं खबरों की मानें तो उत्तर कोरिया में विदेश में रहने वाले किसी व्यक्ति को कॉल करना अपराध है और उसे फांसी की सजा हो सकती है। 2007 में जब उसने कई इंटरनेशनल कॉल किए तो राज्य ने एक व्यक्ति को मार डाला गया। गाड़ी चलाने का अधिकार केवल उत्तर कोरिया में पुरुष सरकारी अधिकारियों को दिया जाता है। महिलाओं को किसी भी सूरत में गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है। यहां तक की उत्तर कोरिया में जींस पहनना सख्त मना है क्योंकि राज्य इसे पूंजीवाद का प्रतीक मानता है। महिलाओं को स्कर्ट पहनते समय अपने घुटनों को ढंकना चाहिए। साथ ही बिकनी पहनना भी प्रतिबंधित है।
पेशा चुनने का अधिकार नहीं
खबरों के मुताबिक किम जोंग उन के परिवार का अनादर करने के लिए कोई भी कृत्य करने वालों के खिलाफ राज्य की सख्त नीति है। पूर्व राष्ट्रपति किम-जोंग सुंग के चित्र के बजाय एक महिला को अपने बच्चों को बचाने के लिए जेल भेजा गया था। उत्तर कोरियाई लोगों को अपना पेशा चुनने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह देश की जरूरतों के अनुसार राज्य द्वारा तय किया जाता है। उत्तर कोरिया में ऐसे कई सारे काम करना गैरकानूनी माना जाता है।
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