खाने को मोहताज है उत्तर कोरिया! लेकिन दाग रहा धड़ाधड़ मिसाइलें, ये रिपोर्ट खोल देगी किम जोंग की असली पोल
जो उत्तर कोरिया अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया के लिए खौफ का पर्याय है और अमेरिका की चिंता का कारण बना है, उस देश की हकीकत जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे।
नई दिल्लीः जो उत्तर कोरिया अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया के लिए खौफ का पर्याय है और अमेरिका की चिंता का कारण बना है, उस देश की हकीकत जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किम जोंग उन भले ही बैलिस्टिक मिसाइलों पर मिसाइलें छोड़कर अपने परमाणु शक्ति संपन्न होने का दंभ भरते हों, लेकिन उनका देश खाद्यान्न के बड़े संकटों से जूझ रहा है। दक्षिण कोरियाई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उत्तर कोरिया में खाद्यान्न की कमी के चलते कई नागरिक भूख से मर गए हैं।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने हाल ही में कृषि को समर्पित एक अहम राजनीतिक सम्मेलन का उद्घाटन किया है। सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। बाहरी आकलन के मुताबिक उत्तर कोरिया खाद्यान्न की गंभीर कमी का सामना कर रहा है। दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञों का अनुमान है कि महामारी के बाद चीन से अनाज के गैर आधिकारिक आयात के बाधित होने के बाद उत्तर कोरिया में उसकी वार्षिक जरूरत से लगभग 20 प्रतिशत यानी करीब 10 लाख टन अनाज की कमी है। इतना ही नहीं सरकार ने बाजारों में खाद्य सामग्री की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है। दक्षिण कोरियाई मीडिया में हाल में आई अपुष्ट खबरों में कहा गया कि उत्तर कोरिया के कुछ नागरिकों की मौत भूख से हुई है। हालांकि, अधिकांश विशेषज्ञों को उत्तर कोरिया में बड़े पैमाने पर मौतों या अकाल का कोई संकेत नहीं दिखा है।
खाद्यान्न की कमी के बाद किम जोंग ने बुलाया कृषि पर चर्चा के लिए सत्र
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक रविवार से शुरू हुई सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों ने “नए युग में ग्रामीण क्रांति” को पूरा करने के लिए सरकार के लक्ष्यों की दिशा में पिछले साल के काम की समीक्षा की। रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी की केंद्रीय समिति की पूर्ण बैठक कृषि मुद्दों पर “तात्कालिक महत्व” के कार्यों की पहचान करेगी। केसीएनए ने यह जानकारी नहीं दी कि क्या किम बैठक को संबोधित करेंगे। खबर में यह भी नहीं बताया गया है कि बैठक कब तक चलेगी। यह पहली बार है जब पार्टी ने केवल कृषि पर चर्चा के लिए पूर्ण सत्र बुलाया है। सोमवार की खबर में बैठक के एजेंडे के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया, लेकिन पार्टी के पोलित ब्यूरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि “कृषि विकास में आमूलचूल परिवर्तन को गतिशील रूप से बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ की आवश्यकता है।
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