अपने पड़ोसी सहित जापान और अमेरिका की भी उत्तर कोरिया ने उड़ाई नींद, करने जा रहा इस सैन्य जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण
उत्तर कोरिया ने अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया और जापान सहित अमेरिका की भी नींद उड़ा दी है। लंबे समय से उत्तर कोरिया और इन तीनों देशों में तू डाल-डाल और मैं पात-पात का खेल चलता आ रहा है। कभी अमेरिका जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास करता है तो कभी उसके जवाब में उत्तर कोरिया परमाणु मिसाइलों का परीक्षण करता है।
उत्तर कोरिया ने अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया और जापान सहित अमेरिका की भी नींद उड़ा दी है। लंबे समय से उत्तर कोरिया और इन तीनों देशों में तू डाल-डाल और मैं पात-पात का खेल चलता आ रहा है। कभी अमेरिका जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास करता है तो कभी उसके जवाब में उत्तर कोरिया परमाणु मिसाइलों का परीक्षण करता है। मगर इस बार किम जोंग उन का इरादा उससे भी ज्यादा खतरनाक हो चला है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अब सैन्य जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण करने जा रहे हैं। यह सुनकर अमेरिका और जापान सहित दक्षिण कोरिया में खलबली मच गई है।
किम जोंग उन ने कहा कि उनके देश ने अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह तैयार कर लिया है और उसे नियत तारीख को प्रक्षेपित करने की योजना है। सरकारी मीडिया ने बुधवार को यह खबर दी। उत्तर कोरिया ने पूर्व में मिसाइल और रॉकेट का परीक्षण कर यह बताने की कोशिश की थी कि वह उपग्रह को कक्षा में भेज सकता है, लेकिन कई विशेषज्ञों ने उसकी अधिक जटिल प्रौद्योगिकी वाले सैन्य उपग्रह को प्रक्षेपित करने की क्षमता को लेकर आशंका जताई है। ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा कि मंगलवार को उत्तर कोरिया की एयरोस्पेस एजेंसी के दौरे पर पहुंचे किम ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से “सुरक्षा के समक्ष मौजूद खतरे” को देखते हुए अंतरिक्ष आधारित निगरानी प्रणाली हासिल करना अहम है ताकि वह प्रभावी तरीके से अपनी, परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों का इस्तेमाल कर सके।
प्रतिद्वंदियों पर दबाव बनाना चाहते हैं किम
किम को शायद उम्मीद है कि वह संयुक्त सैन्य अभ्यास और उनके देश पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध सहित अन्य मुद्दों को लेकर अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बना सकेंगे। किम ने कहा, ‘‘सैन्य टोही उपग्रह नंबर-1’’ पहले ही तैयार हो चुका है और अधिकारियों को इसे प्रक्षेपित करने का आदेश दिया गया है। केसीएनए के मुताबिक, किम ने कहा कि उत्तर कोरिया कई उपग्रह प्रक्षेपित करेगा ताकि खुफिया जानकारी एकत्रित करने की क्षमता का विस्तार किया जा सके। उत्तर कोरिया ने कहा है कि उसने अमेरिका और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों-दक्षिण कोरिया व जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास के जवाब में बड़े पैमाने पर हथियारों का परीक्षण किया है, जिनमें ठोस ईंधन आधारित पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण भी शामिल है। इस मिसाइल को अमेरिका पर हमले के लिए डिजाइन किया गया है।
उत्तर कोरिया ने दो वर्ष में किया करीब 100 मिसाइलों का परीक्षण
उत्तर कोरिया ने पिछले साल से लेकर अबतक करीब 100 मिसाइलों का परीक्षण किया है जिनमें से करीब 30 मिसाइलों का परीक्षण इस साल किया गया। किम जोंग उन ने कहा कि उसके जासूसी उपग्रह के उद्देश्यों में से एक ‘‘स्थिति की मांग होने पर हमले से पहले ही सैन्य बल का उपयोग करने’’ की क्षमता हासिल करना है। इस संबंध में पूछे जाने पर दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित किए जाने से क्षेत्रीय शांति को खतरा उत्पन्न होगा और वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करेगा जिसमें उत्तर कोरिया द्वारा किसी बैलिस्टिक परीक्षण पर रोक लगाई गई है। मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण कोरिया अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करेगा ताकि उत्तर कोरिया को उकसाने की कोशिश का माकूल जवाब दिया जा सके। सियोल स्थित उत्तर कोरिया अध्ययन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर किम डोंग यूब ने कहा कि उत्तर कोरिया मई से सितंबर के बीच प्रक्षेपण की जानकारी अंतरराष्ट्रीय समुद्री व दूरसंचार प्राधिकार को दे सकता है।