China on Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति जबसे मोहम्मद मोइज्जू बने है, तभी से चीन और मालदीव के बीच गलबहियां बढ़ गई हैं। मोइज्जू भारत विरोधी और चीन समर्थित माने जाते हैं। यही कारण है कि मोइज्जू ने राष्ट्रपति बनते ही भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया था। उन्होंने भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी की बात कही, जो दशकों से वहां सुरक्षा के लिए तैनात थी। इसके बाद पहली आधिकारिक यात्रा भारत की न करके, चीन की आधिकारिक यात्रा कर यह बताया कि वे परंपराओं को तोड़ते हुए भारत की बजाय चीन को प्राथमिकता देते हैं।
यही नहीं, मोइज्जू ने चीन की यात्रा करके चीनी सरकार से मालदीव में अधिक पर्यटकों को भेजने की विनती की थी। भारत के 'बायकॉट मालदीव' के बाद मोइज्जू ने चीन से यह गुहार की थी। इन सबके बीच चीन ने भी कहा था कि मालदीव की संप्रभुता पर कोई हमला करेगा, तो चीन साथ खड़ा है। ऐसी गलत बयानी करने के बाद अब चीन चालाकीपूर्वक लुभाने वाले बातें कर रहा है। चीन ने कहा है कि मालदीव के साथ संबंधों के बीच तीसरी पक्ष निशाने पर नहीं है। भारत की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए चीन ने यह बात कही।
मालदीव के साथ और सहयोग बढ़ाएगा चीन
चीन ने मालदीव के साथ एक व्यापक रणनीतिक सहयोग साझेदारी कायम करने की प्रतिबद्धता जताई और कहा दोनों देशों के बीच सामान्य सहयोग में कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है। चीन ने यह भी कि कि मालदीव और चीन के संबंधों से तीसरे पक्ष को इसमें कोई बाधा नहीं आएगी। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मालदीव के साथ चीन के सैन्य समझौते के बारे में पूछे जाने पर मीडिया को विवरण के लिए सक्षम चीनी अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेने को कहा।
भारत की ओर इशारा करते हुए चीनी अधिकारी ने कही ये बात
उन्होंने कहा, 'मोटे तौर पर, चीन एक व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी बनाने के लिए मालदीव के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।' माओ ने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा, "चीन और मालदीव के बीच सामान्य सहयोग के दौरान कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है और न ही किसी तीसरे पक्ष को इसे बाधित करना चाहिए।'
मालदीव को मुफ्त सैन्य सहायता देगा चीन
चीन ने मालदीव के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करने के सिलसिले में एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए है। इसके बाद माओ ने यह प्रतिक्रिया दी है। कुछ सप्ताह मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों के पहले समूह के मालदीव छोड़ने के लिए समय सीमा तय की थी, माओ के बयान को भारत से जोड़कर देखा जा रहा है।
मोइज्जू ने एक बार फिर उगला भारत के खिलाफ जहर
इससे पहले कल यानी मंगलवार को भी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ विषवमन किया था। उन्होंने कहा कि 10 मई के बाद नागरिक वेशभूषा हो या सेना की वर्दी किसी भी भेष में भारतीय सैनिक मालदीव में मौजूद नहीं रहेंगे। मोइज्जू का बयान ऐसे समय में आया है, जब सैन्य कर्मियों के पहले बैच के 10 मार्च तक मालदीव छोड़ने से पहले भारतीय तकनीकी कर्मियों की पहली टीम द्वीपीय देश मालदीव में पहुंची हुई है।
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