Maldives News: भारत और मालदीव बीच संबंधों में खटास आ गई है। यह खटास पिछले साल नवंबर में मोहम्मद मोइज्जू के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद आई है। दोनों के बीच रिश्ते सुधरते नहीं दिख रहे हैं। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर मंगलवार को भारत के खिलाफ विषवमन किया है। उन्होंने कहा कि 10 मई के बाद नागरिक वेशभूषा हो या सेना की वर्दी किसी भी भेष में भारतीय सैनिक मालदीव में मौजूद नहीं रहेंगे। कुछ अटकलों पर जवाब देते हुए मोइज्जू ने यह बात कही।
मुइज्जू का बयान ऐसे समय में आया है, जब सैन्य कर्मियों के पहले बैच के 10 मार्च तक मालदीव छोड़ने से पहले भारतीय तकनीकी कर्मियों की पहली टीम द्वीपीय देश मालदीव में पहुंची हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार एक कार्यक्रम में मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि देश से भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने में उनकी सरकार की सफलता को लेकर कई अफवाहें फैलाई जा रही हैं और स्थिति को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
'संदेह बढ़ाने वाली बातों पर न दें ध्यान'
इस बारे में एक चीनी समर्थक नेता ने बताया कि 'कुछ लोगों का ये कहना कि भारतीय सैनिक नहीं जा रहे हैं, बल्कि वे अपनी वर्दी को नागरिक कपड़ों में बदलने के बाद लौट रहे हैं। इस पर यही कहना चाहूंगा कि हमें ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, जो हमारे दिलों में संदेह बढ़ाए'।
चीन से मुफ्त सैन्य सहायता के लिए मालदीव ने किए हस्ताक्षर
मोइज्जू ने कहा, '10 मई के बाद देश में कोई भारतीय सैनिक मौजूद नहीं रहेगा। न ही नागरिक वेशभूषा में और न ही सेना की वर्दी में। भारतीय सेना इस देश में किसी भी प्रकार के कपड़ों में नहीं रहेगी। मैं यह विश्वास के साथ कहता हूं।' 10 मई के बाद कोई भारतीय सैनिक मालदीव में मौजूद नहीं रहेगा। न ही सैनिक वर्दी में और न ही नागरिक वेशभूषा में। मोइज्जू ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब उनके देश ने हाल ही में मुफ्त सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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