भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले वर्ष जनवरी के पहले सप्ताह में नेपाल की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस दौरान भारत और नेपाल अपने पुरातन संबंधों को और अधिक मजबूती देने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर की नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच एक बड़ा विद्युत समझौता होने वाला है। इसके तहत नेपाल भारत को 10 हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति करेगा। नेपाल भारत को यह बिजली किफायती दर पर उपलब्ध कराएगा। इससे जहां भारत ऊर्जा के क्षेत्र में और मजबूत होगा तो वहीं दूसरी तरफ नेपाल में इतने बड़े पैमाने पर बिजली बेचने से समृद्धि आएगी।
भारत और नेपाल के बीच होने वाले इस बिजली समझौते से चीन को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने शुक्रवार को कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा के दौरान भारत और नेपाल एक दीर्घकालिक बिजली समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। प्रचंड ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण के इनारुवा सबस्टेशन के उद्घाटन के मौके पर कहा कि नेपाल बिजली उत्पादन के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जनवरी के पहले सप्ताह में एस.जयशंकर की आगामी नेपाल यात्रा के दौरान नेपाल और भारत के बीच एक दीर्घकालिक समझौता होगा।
प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान बनी थी सहमति
प्रचंड की भारत यात्रा के लगभग छह महीने बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच बिजली समझौता होगा। उस समय दोनों देश सैद्धांतिक रूप से इस बात पर सहमत हुए थे कि भारत अगले 10 साल में नेपाल से 10,000 मेगावाट पनबिजली का आयात करेगा। हालांकि, इसको लेकर अभी औपचारिक समझौता होना बाकी है। नेपाल पिछले कुछ समय से अपनी जलविद्युत उत्पादन क्षमता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और उसने अपनी कई बिजलीघर तैयार कर लिए हैं। सुनसारी जिले के भोकराहा नरसिंह ग्रामीण नगर पालिका-4 में निर्मित 400 केवी का इनारुवा सबस्टेशन देश में निर्मित दूसरा सबसे बड़ा सबस्टेशन है। (भाषा)
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