नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने तीसरी बार विश्वास मत हासिल कर लिया है। यानि वह आगे भी नेपाल के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। दहल को पक्ष में 157 वोट मिले। जबकि 110 विधायक विश्वास मत के विरोध में खड़े हुए। नेपाली संघीय संसद में एक विधायक अनुपस्थित रहे। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल द्वारा आज पेश किए गए विश्वास मत में कुल 268 वोट पड़े। बता दें कि माओवादी नेता द्वारा नेपाली कांग्रेस को छोड़ने और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) पार्टी के साथ एक नया गठबंधन बनाने के कुछ दिनों बाद, नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने आज संसद से विश्वास मत हासिल किया।
प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) से जुड़े पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड ने रविवार को संसद सचिवालय को एक पत्र भेजा था, जिसमें संकेत दिया गया कि उन्होंने नेपाली के साथ संबंध तोड़ दिए हैं। एचओआर की सबसे बड़ी पार्टी है और पिछले सहयोगी नेपाली कांग्रेस का समर्थन खोने के बाद प्रचंड ने अपना बहुमत साबित कर दिया है। मगर उन्होंने भारत विरोधी पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पोर्टी से गठबंधन किया है। इससे भारत के साथ संबंधो पर विपरीत असर पड़ने की आशंका भी जाहिर की जा रही है।
जीत के लिए चाहिए थे सिर्फ 138 मत
प्रचंड को संसद में जीत के लिए सिर्फ 138 मतों की ही जरूरत थी। हालांकि उन्हें 157 मत हासिल हुए हैं। प्रचंड ने उस पूर्व प्रधान मंत्री केपी ओली के नेतृत्व वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के साथ एक नया गठबंधन बनाया है, जिन्हें माओवादी नेता का शीर्ष आलोचक माना जाता था। वह भारत विरोधी कार्यक्लापों और चीन प्रेम के लिए भी जाने जाते हैं। दिसंबर 2022 में पद संभालने के बाद से 69 वर्षीय प्रचंड ने आज तीसरी बार विश्वास मत हासिल किया है।
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