काठमांडूः नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने शुक्रवार को चीन जाने के अपने प्लान का आधिकारिक ऐलान किया है। उन्होंने बीजिंग दौरे से पहले ही यह भी दावा कर दिया है कि उनकी आगामी चीन की आधिकारिक यात्रा काफी सफल रहेगी। बता दें कि प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद किसी पड़ोसी देश की केपी शर्मा ओली की यह पहली यात्रा होगी। ओली ने कहा, ‘‘मैं दो दिसंबर को चीन की यात्रा पर जा रहा हूं और यह महज एक दौरा नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा कि वह यात्रा के दौरान लोगों और देश के हित को ध्यान में रखेंगे।
ओली ने स्पष्ट किया कि वह यात्रा के दौरान चीन से ऋण मांगने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उत्पादकता बढ़ाना मेरी प्राथमिकता होगी।’ हालांकि, सरकार ने अभी तक आधिकारिक तौर पर ओली की यात्रा और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। मगर ओली ने स्वयं अपनी यात्रा के बारे में सबकुछ बता दिया है। वह दोबारा नेपाल की परंपरा को तोड़कर चीन पहुंचेंगे। क्योंकि आमतौर पर नेपाल का प्रधानमंत्री सबसे पहले भारत की यात्रा करता रहा है। मगर केपी ओली ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी इस परंपरा को तोड़कर चीन की यात्रा की थी। अब कुछ महीनों पहले पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार गिरने के बाद फिर से केपी ओली पीएम बन गए हैं।
केपी ओली की पूर्व चीन यात्रा से बढ़ा था भारत-नेपाल में तनाव
केपी शर्मा ओली ने अपने पहले कार्यकाल में भी सबसे पहले चीन की यात्रा की थी। वह चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के समर्थक हैं। लिहाजा उन्होंने परंपरा को तोड़कर चीन की यात्रा की थी। वहां से लौटने के बाद नेपाल ने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा पर अपना दावा ठोक दिया था। इससे भारत-नेपाल के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। अब एक बार फिर वह चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में भारत-नेपाल के संबंधों में खटास आना तय माना जा रहा है। वजह यह भी है कि केपी ओली चीन के इशारे पर भारत के खिलाफ काम करते हैं। (इनपुट भाषा)
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