पिछले कुछ वर्षों से भारत और नेपाल के रिश्ते काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। शातिर चीन ने नेपाल में पूर्व हुकूमत के दौरान भारत के साथ रिश्ते खराब करवाने में कोई भूमिका नहीं छोड़ी थी। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के समय भारत के साथ रिश्ते सबसे ज्यादा तनावपूर्ण रहे। अब नेपाल के मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने फिर भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। भारत हमेशा से ही नेपाल के संकटों का साथी रहा है। इसीलिए नेपाल की ओर से दोस्ती का हाथ बढ़ते ही भारत ने उसकी झोली मदद के खजाने से भर दी।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत पिछले साल आए भूकंप से प्रभावित नेपाल के पश्चिमी जिले में बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए 7.5 करोड़ डॉलर का वित्तीय पैकेज देगा। जयशंकर ने यह टिप्पणियां काठमांडू में नेपाल के अपने समकक्ष एन पी सौद के साथ त्रिुभवन विश्वविद्यालय केंद्रीय पुस्तकालय और अन्य पुनर्निर्माण परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन करने के दौरान कीं। ये परियोजनाएं नेपाल में 2015 में आए भूकंप के बाद शुरू की गयी थीं। जयशंकर 2024 में विदेश की अपनी पहली यात्रा पर बृहस्पतिवार को नेपाल पहुंचे थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत को पिछले साल नवंबर में नेपाल के पश्चिमी हिस्सों में आए भूकंप से हुई तबाही और लोगों की मौत के बारे में जानकर दुख हुआ।
नेपाल को सुनाया पीएम मोदी का संदेश
एस जयशंकर ने नेपालवासियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश भी सुनाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने नेपाल के लोगों और नेतृत्व के प्रति एकजुटता व्यक्त की और हरसंभव सहायता करने की प्रतिबद्धता जतायी थी।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मैंने कल प्रधानमंत्री (पुष्प कमल दहल) प्रचंड को इन प्रभावित जिलों में बुनियादी ढांचे के पुन: निर्माण के लिए 7.5 करोड़ डॉलर यानी 1,000 करोड़ नेपाली रुपये का वित्तीय पैकेज देने के अपने फैसले के बारे में कल ही बता दिया था।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘हम नेपाल के लोगों के साथ खड़े हैं और इस पर नेपाल सरकार के प्रयासों में मदद करते रहेंगे।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने पड़ोस खासकर नेपाल में साझेदारों के साथ अपने संबंधों को फिर से परिभाषित करते रहने के लिए प्रतिबद्ध है। (भाषा)
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