Ex-Nepal PM Oli Against India: नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी यूएमएल के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शनिवार को एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। वह इससे पहले भी प्रधानमंत्री रहने के दौरान भारत विरोधी बयानों और कार्यों के लिए जाने जाते रहे हैं। दरअसल ओली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थक हैं और शी जिनपिंग के इशारों पर नाचते हैं। ओली ने अपना गुस्सा निकालते हुए कहा कि पड़ोसी देश (भारत) नेपाल में सरकार के गठन में अनावश्यक रुचि ले रहे हैं। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर भारत पर निशाना साधते हुए काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बाहरी ताकतों ने नेपाल में सरकार बनाने में अनावश्यक रुचि पैदा कर ली है।
आपको बता दें कि नेपाल में यूएमएल और ओली के समर्थन से सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड प्रधानमंत्री बने हैं। पहले प्रचंड संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ थे, लेकिन पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा द्वारा उनको पहले प्रधानमंत्री का पद सौंपने का प्रस्ताव इनकार करने के बाद वह ओली के समर्थन से सत्ता में काबिज हुए।
ओली ने कहा अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहे पड़ोसी
शनिवार को ओली ने कहा कि कुछ पड़ोसी अभी भी दीवार लांघने और देश के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं। ओली ने भारत का नाम लिए बिना कहाकि यह नेपालियों द्वारा बनाई गई सरकार है। नेपालियों को सरकार नहीं बनाने देने के प्रयास किए गए थे। मैंने अपने पड़ोसियों से आग्रह किया कि वह हमारी सरकार के गठन की प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें। कुछ ताकतें नेपाल की राजनीति को अस्थिर करने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन हमने इसे स्थिरता दी।
पूर्व प्रधानमंत्री को राष्ट्रवादी नेता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने 2017 में राष्ट्रवादी तख्ती के तहत चुनाव जीता था। उन्होंने 20 नवंबर के चुनाव के दौरान फिर से भारत विरोधी भावना और सीमाओं के मुद्दे को उठाया था। यह पहली बार नहीं है जब ओली ने भारत के खिलाफ अपना गुस्सा उतारा है। नेपाल ने मई 2020 में एक नया नक्शा जारी किया था, तब ओली प्रधानमंत्री थे, जिसमें विवादित क्षेत्र को नेपाल में शामिल किया गया था जो भारत का हिस्सा है, जिससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय विवाद पैदा हो गया था।
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