Nepal Corona Cases: नेपाल ने जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए भारतीय पर्यटकों के अपने देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है। चार भारतीय पर्यटकों में घातक कोविड-19 संक्रमण पाए जाने के बाद उन्हें भारत वापस भेज दिया गया है। हिमालयी देश ने अपने यहां कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण यह कदम उठाया।
'चार भारतीय नागरिक संक्रमित पाए गए'
भारत के चार पर्यटक पश्चिमी नेपाल के बैताडी जिले में झूलाघाट सीमा बिंदु के माध्यम से नेपाल में दाखिल हुए थे। बैताडी में स्वास्थ्य कार्यालय के सूचना अधिकारी बिपिन लेखक ने बताया कि चार भारतीय नागरिक संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें स्वदेश वापस जाने के लिए कहा गया। बिपिन लेखकने कहा, "हमने भारतीयों की कोविड-19 जांच को भी तेज कर दिया है।"
भारत में संक्रमितों की संख्या 4,41,74,650
उन्होंने कहा कि भारत से आए कई नेपाली नागरिक कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन भारतीय पर्यटकों को देश में प्रवेश करने से रोक दिया गया है, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण है। बैताडी जिले में कोरोना वायरस का जोखिम बहुत अधिक है, क्योंकि इसकी सीमाएं भारत के साथ लगती हैं। जिले में अभी 31 मामले उपचाराधीन हैं। मंगलवार को अद्यतन किए गए स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,41,74,650 हो गई है। आंकड़ों में कहा गया है कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,26,772 पर पहुंच गई है।
पनबिजली परियोजनाओं के विकास की मंजूरी
एक अन्य खबर के मुताबकि, नेपाल ने सोमवार को भारत के पनबिजली बोर्ड को पश्चिमी नेपाल में 1,200 मेगावाट की पनबिजली परियोजनाओं के अध्ययन और विकास की मंजूरी दी। परियोजनाओं में 750 मेगावाट क्षमता की पश्चिम सेती जलविद्युत परियोजना और 450 मेगावाट क्षमता की सेती नदी (एसआर-6), एक संयुक्त भंडारण परियोजना शामिल है।
विदेशी निवेश को मंजूरी देने के लिए अधिकृत सरकारी संस्था नेपाल निवेश बोर्ड (एनआईबी) ने पनबिजली के संयुक्त विकास हेतु व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए भारत सरकार के उद्यम नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (एनएचपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी है, जिसमें 750 मेगावाट क्षमता की पश्चिम सेती जलविद्युत परियोजना और 450 मेगावाट क्षमता की सेती नदी- 6 परियोजना (1200 मेगावाट की संयुक्त क्षमता) शामिल है। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की अध्यक्षता में काठमांडू में आयोजित नेपाल निवेश बोर्ड की 52वीं बैठक के दौरान इस आशय का निर्णय लिया गया।
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