नई दिल्ली: अपनी सरकार पर संकट के घने बादलों के बीच इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया. इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवाज शरीफ से छिप-छिपकर मिलते थे। इमरान ने आगे कहा कि मोदी ने राहील शरीफ, पाकिस्तान के आर्मी चीफ को दहशतगर्द कहा था, ऐसे लोग उनको पसंद हैं। खान ने कहा, "मैंने जब ड्रोन अटैक्स के खिलाफ धरने दिए तो मुझे 'तालिबान खान' तक कहा गया। हमारे देश के उस समय के सीनियर लीडर्स ने अमेरिका की नारजगी के डर से कुछ नहीं कहा।"
राष्ट्र के नाम संबोधन में इमरान खान ने कहा कि किस किताब में लिखा है कि कोई दूसरा मुल्क हमारे यहां आए, हमारे लोगों को मारे और यह भी पता न करे कि मरने वाला आतंकी था या बेकसूर था। जब मासूम लोगों पर हमले होते थे, तो वे लोग पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ हो जाते थे, क्योंकि हम अमेरिका के साथ थे। इमरान ने अपने भाषण में कहा कि कोई एक मुल्क बता दें जिसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने 80 हजार लोगों की शहादत दी हो। आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि अमेरिका के साथ मिलकर लड़ी गई इस जंग में हमारे कबायली लोगों का क्या हाल हुआ। इमरान ने कहा कि क्या कभी आतंक के खिलाफ जंग के लिए हमें क्रेडिट मिला, या हमें कभी तारीफ मिली कि बहुत अच्छा काम किया?
अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भाषण के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, "मैं वह पाकिस्तानी हूं जिसे हिंदुस्तान के अंदर सबसे ज्यादा लोग जानते थे। मेरी वहां के लोगों से दोस्ती थी। मैं अमेरिका को बहुत अच्छी तरह जानता हूं, वहां के नेताओं को, वहां के लोगों को जानता हूं। इंग्लैंड तो एक तरह से मेरा दूसरा घर था। मैं कभी भी इनके खिलाफ हो ही नहीं सकता।" इमरान ने आगे कहा कि उनकी जो गलत पॉलिसी है, उनकी मुखालफत करता हूं।
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