Myanmar: म्यांमार में सैन्य तानाशाही का खौफ, 50 साल में पहली बार 4 लोगों को दी गई मौत की सजा, सभी को फंदे पर चढ़ाया
सेना की मुखबिर होने के संदेह में मार्च 2021 में एक महिला का उत्पीड़न और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी ठहराए गए ह्ला म्यो ओंग और ओंग थुरा जो को भी फांसी दी गई है।
Highlights
- म्यांमार में चार लोगों को दी गई फांसी
- म्यांमार की सैन्य सरकार ने मौत की सजा दी
- पांच दशक बाद किसी को फांसी दी गई है
Myanmar Execution After Decades: म्यांमार सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि उसने ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ (एनएलडी) के पूर्व सांसद, लोकतंत्र समर्थक एक कार्यकर्ता और दो अन्य लोगों को पिछले साल सत्ता पर सेना के कब्जे के बाद हुई हिंसा के मामले में फांसी दे दी है। म्यांमार में पिछले पांच दशक में पहली बार किसी को फांसी दी गई है। सरकारी समाचार पत्र ‘मिरर डेली’ में इस फांसी के संबंध में जानकारी दी गई है। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के मौजूदा अध्यक्ष कंबोडिया समेत दुनियाभर के कई देशों और हस्तियों ने चारों राजनीतिक कैदियों के प्रति दया दिखाए जाने का अनुरोध किया था। बावजूद इसके चारों को फांसी दी गई है।
समाचार पत्र में कहा गया है कि ‘आतंकवादी गतिविधियों के तहत हत्या करने के कृत्यों में अमानवीय सहयोग और हिंसा’ करने एवं उसका आदेश देने के लिए चारों को ‘कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार’ फांसी की सजा दी गई। समाचार पत्र में यह नहीं बताया गया है कि फांसी कब दी गई है। सैन्य सरकार ने इस खबर की पुष्टि करते हुए संक्षिप्त बयान जारी किया, लेकिन जिस जेल में कैदियों को रखा गया था, उसने और जेल विभाग ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। फरवरी 2021 में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद खुद के असैन्य सरकार होने का दावा करने वाली म्यांमार के बाहर स्थापित ‘राष्ट्रीय एकता सरकार’ के मानवाधिकार मंत्री आंग मायो मिन ने इन आरोपों को खारिज किया कि ये लोग हिंसा में शामिल थे।
लोगों में खौफ पैदा करना मकसद
उन्होंने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से कहा, ‘उन्हें मौत की सजा देना डर के जरिए लोगों पर शासन करने का प्रयास है।’ जिन लोगों को फांसी दी गई है, उनमें अपदस्थ नेता आंग सान सू ची की सरकार के पूर्व सांसद फ्यो जेया थो भी शामिल थे, जिन्हें माउंग क्वान के नाम से जाना जाता था। उन्हें विस्फोट, बमबारी और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे मामलों में जनवरी में दोषी ठहराया गया था। क्वान की पत्नी थाजिन न्युंत ओंग ने ‘एपी’ से कहा कि उन्हें उनके पति को फांसी दिए जाने के बारे में सूचित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद इसकी पुष्टि करने की कोशिश कर रही हूं।’
क्वान पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
41 साल के क्वान को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। वह 2007 में ‘जनरेशन वेव’ राजनीतिक आंदोलन का सदस्य बनने से पहले हिप-हॉप संगीतकार भी रहे थे। उन्हें 2008 में भी एक पूर्व सैन्य सरकार के दौरान विदेशी मुद्रा और अवैध संबंध रखने के आरोप में जेल भेज दिया गया था। क्वान के अलावा आतंकवाद निरोधी कानून के उल्लंघन के मामले में लोकतंत्र समर्थक 53 साल के क्वाव मिन यू को भी फांसी दी गई। क्वाव मिन यू को जिम्मी के नाम से भी जाना जाता था। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। इनके अलावा, सेना की मुखबिर होने के संदेह में मार्च 2021 में एक महिला का उत्पीड़न और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी ठहराए गए ह्ला म्यो ओंग और ओंग थुरा जो को भी फांसी दी गई।
कार्रवाई राजनीति से प्रेरित बताई गई
एशिया में ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ की कार्यवाहक निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा कि चारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई ‘घोर अन्यायपूर्ण और राजनीति से प्रेरित सैन्य कार्रवाई’ है। मानवाधिकार संबंधी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ थॉमस एंड्रयू ने इस मामले के खिलाफ कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया दिए जाने का आह्वान किया है।