ढाकेश्वरी मंदिर में बांग्लादेशी हिंदुओं से मिले मुहम्मद यूनुस, हमले के दोषियों को सजा देने पर कही ये बात
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर के दौरे के दौरान कह कि हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में हमें मुसलमान, हिंदू या बौद्ध नहीं बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए।
ढाका: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को प्राचीन ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और पीड़ित हिंदू समुदाय से मुलाकात की। उन्होंने हिंदू समुदाय के लोगों से धैर्य रखने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला करने वालों को दंडित करेगी। 84 साल के यूनुस ने जारी हिंसा और तोड़फोड़ के बीच 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने ढाका में प्रमुख शक्तिपीठों में से एक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए। यूनुस ने देश की दुर्दशा के लिए ‘संस्थागत पतन’ को जिम्मेदार ठहराया।
‘278 स्थानों पर हुए हैं हिंदुओं पर हमले’
ढाकेश्वरी मंदिर का यूनुस का दौरा ऐसे समय हुआ जब बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस (BNHGA) ने कहा है कि 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है और इसे ‘हिंदू धर्म पर हमला’ करार दिया। ‘डेली स्टार’ अखबार के मुताबिक युनूस ने कहा, ‘अधिकार सबके लिए समान हैं। हम सब एक ही व्यक्ति हैं और हमारे पास एक ही अधिकार है। हमारे बीच कोई भेदभाव न करें। कृपया हमारी सहायता करें। धैर्य रखें और बाद में आकलन करें, हम क्या कर पाए और क्या नहीं। अगर हम असफल होते हैं, तो हमारी आलोचना करें।’
‘व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत’
युनूस ने कहा, ‘हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में हमें मुसलमान, हिंदू या बौद्ध नहीं बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए। हमारे अधिकार सुनिश्चित होने चाहिए। सभी समस्याओं की जड़ संस्थागत व्यवस्थाओं के क्षय में है। इसीलिए ऐसे मुद्दे उठते हैं। संस्थागत व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है।’ प्रोफेसर यूनुस के साथ विधि सलाहकार आसिफ नजरुल और धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन भी थे। हुसैन के मंत्रालय ने सोमवार को एक हॉटलाइन स्थापित की, जिसमें लोगों से मंदिरों, चर्चों या किसी अन्य धार्मिक संस्थानों पर हमलों के बारे में जानकारी देने को कहा गया।
‘कॉल या SMS कर दे सकते हैं जानकारी’
बंगाली भाषा के दैनिक अखबार ‘प्रोथोम आलो’ ने सोमवार को मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए बताया, ‘अगर किसी मंदिर, चर्च, पैगोडा या किसी अन्य धार्मिक संस्थान पर उपद्रवियों द्वारा हमला किया जाता है, तो उनसे अनुरोध है कि वे इसकी सूचना इस मोबाइल नंबर 01766-843809 पर कॉल करके या SMS भेजकर दें।’ बता दें कि अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्यों ने शुक्रवार और शनिवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में बड़े पैमाने पर विरोध रैलियां निकालीं और देश भर में हुई बर्बरता के बीच सुरक्षा की मांग की।
हिंदुओं के मंदिरों और घरों पर हुए थे हमले
हिंसा के दौरान हिंदू समुदाय के मंदिरों और उनके घरों पर हमले किये गये थे। अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने आदि की मांग करते हुए हिंदू प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को मध्य ढाका के शाहबाग में 3 घंटे से अधिक समय तक ट्रैफिक जाम कर दिया। शनिवार को ही यूनुस ने हिंसा प्रभावित देश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा करते हुए उन्हें ‘जघन्य’ करार दिया था और युवाओं से सभी हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों की रक्षा करने का आग्रह किया था।
‘यह व्यक्तियों पर नहीं बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है’
‘बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस’ (BNHGA) के प्रवक्ता और कार्यकारी सचिव पलाश कांति डे ने कहा, ‘बदलते राजनीतिक परिदृश्य के कारण हिंदू समुदाय पर हमला, लूटपाट, आगजनी, भूमि हड़पने और देश छोड़ने की धमकियों की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह सिर्फ व्यक्तियों पर हमला नहीं है बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है।’ डे ने ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार में प्रकाशित खबर के हवाले से कहा, ‘सोमवार तक 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू समुदाय के खिलाफ हमले और धमकी देने की घटनाएं हुई हैं। हमने गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है।’
‘सरकार बदलती है तो हिंदुओं पर हमला होता है’
प्रवक्ता ने कहा कि बीएनएचजीए ने पिछले 24 वर्षों में विभिन्न राजनीतिक दलों के समक्ष अपनी मांगें रखी थीं, लेकिन वे पूरी नहीं हुईं। उन्होंने कहा, ‘अब हमें उम्मीद है कि अंतरिम सरकार हमारी पुरानी मांगों पर ध्यान देगी। इसके अलावा, हम अपने छात्रों के नेतृत्व में चल रहे देशव्यापी आंदोलन का समर्थन करते हैं।’ BNHGA के अध्यक्ष प्रभास चंद्र रॉय ने राजनीतिक बदलाव के समय हिंदू समुदाय के खिलाफ बार-बार होने वाली हिंसा पर दुख व्यक्त किया और कहा, ‘जब भी सरकार बदलती है, तो सबसे पहले हिंदुओं पर हमला होता है। पहले ऐसी घटनाएं कम होती थीं, लेकिन हाल में इनमें वृद्धि हुई है।’ (भाषा)