अंजू के पाकिस्तान जाकर फातिमा बनने की अंतरराष्ट्रीय साजिश की होगी जांच, ISI के खुलेंगे कारनामे
पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते नोएडा में सचिन के प्यार में आई सीमा हैदर के बाद से ही अंजू भी सुर्खियों में है। भारत से अपने पति और बच्चों को छोड़कर पाकिस्तान गई अंजू अब फातिमा बन गई है। इधर अंजू के पति और बच्चों का बुरा हाल है। मगर फातिमा बनने के बाद जिस तरह से अंजू पर पाकिस्तान की सरकार मेहराबान है, उससे कई सवाल उठ रहे
पाकिस्तान जाकर फातिमा बनी अंजू को लेकर किस तरह से सरहद पार से अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई है, अब पुलिस इस मामले की गहनता से जांच करेगी। वर्ष 2019 में पाकिस्तानी युवक नसरुल्लाह से दोस्ती और फिर प्यार के तथाकथित चर्चों के बीच अब 4 साल बाद अंजू का अचानक पाकिस्तान चले जाना और वहां इस्लाम धर्म कुबूल कर फातिमा बन जाना। अपने पति, बच्चों और हिंदू धर्म व हिंदुस्तान को एक पल में ठुकरा देने की बात हर किसी के समझ से परे है। पुलिस यह लगाने का प्रयास करेगी कि क्या अंजू को पाकिस्तान ले जाने में क्या वहां की खुफिया एंजेसी आइएसआइ का भी हाथ है। क्या अंजू को पाकिस्तान बुलाने से पहले उसका ब्रेन वॉश किया गया। क्या उसे लालच और प्रलोभन दिया गया, जिसके जाल में वह फंस गई। क्या अंजू को पाकिस्तान बुलाकर फातिमा बनाने के पीछे हिंदुस्तान के खिलाफ और किसी साजिश का राज छुपा है?...इन सभी सवालों का पता लगाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस अब पूरे मामले की जांच करेगी।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को कहा कि राज्य पुलिस भारतीय महिला अंजू (34) के फेसबुक पर बने दोस्त से शादी रचाने के लिए पाकिस्तान जाने से जुड़े मामले में ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ के पहलू की जांच करेगी। दो बच्चों की मां अंजू ने इस्लाम स्वीकार करने के बाद इस साल 25 जुलाई को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अपर दीर जिले में अपने दोस्त नसरुल्ला (29) से शादी कर ली थी। दोनों के बीच 2019 में फेसबुक के जरिये दोस्ती हुई थी। धर्म बदलने के बाद फातिमा के नाम से पहचानी जाने वाली अंजू को इस्लाम कबूल करने पर उपहार के रूप में नकद राशि और जमीन दिए जाने की खबरें हैं।
फातिमा बनते ही अंजू पर बरसा पाकिस्तान से धन
खैबर पख्तूनख्वा स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मोहसिन खान अब्बासी ने अंजू और नसरुल्ला से शनिवार को उनके आवास पर मुलाकात की थी। अब्बासी ने अंजू को एक चेक सौंपा था, जिस पर दर्ज धनराशि के बारे में खुलासा नहीं किया गया है। इसके अलावा, अंजू को 2,722 वर्ग फुट जमीन के दस्तावेज भी दिए गए थे, ताकि वह पाकिस्तान में आराम से रह सके। अंजू के पिता गया प्रसाद थॉमस मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के टेकनपुर कस्बे के पास स्थित बौना गांव के निवासी हैं। थॉमस ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनके परिवार के लिए अंजू अब ‘मृत व्यक्ति’ के समान है। अंजू के मामले के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने सोमवार को भोपाल में संवाददाताओं से कहा, “पाकिस्तान में जिस तरह से अंजू का स्वागत हो रहा है और उस पर उपहारों की बौछार की जा रही है, उससे कई संदेह पैदा होते हैं।
इसलिए मैंने पुलिस की विशेष शाखा को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की बारीकी से जांच करे और पता लगाए कि कहीं यह कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश तो नहीं है।” मिश्रा के मुताबिक, उन्होंने अधिकारियों को ‘साजिश के पहलू’ पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है, क्योंकि यह मामला प्रदेश के ग्वालियर जिले से जुड़ा हुआ है। अंजू के पिता थॉमस ने पिछले सप्ताह कहा था, “वह (अंजू) कैसे अपने दो बच्चों और पति को छोड़कर भाग गई।
.बच्चों पर भी अंजू को नहीं आई दया
अंजू ने अपने बच्चों के बारे में भी जरा भी दया नहीं की। उसे जरा-भी नहीं सोचा। अगर वह ऐसा करना चाहती थी, तो उसे पहले अपने पति को तलाक देना चाहिए था। अब वह हमारे लिए जीवित नहीं है।” कुछ तबकों में जारी इन अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कि इस घटना के पीछे कुछ और भी हो सकता है, क्योंकि अंजू का गांव ग्वालियर में टेकनपुर कस्बे के करीब है, जहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक प्रमुख यूनिट तैनात है, थॉमस ने ऐसी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “किसी ने भी हमारे सामने ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठाया। केवल आप (मीडिया) यह सवाल उठा रहे हैं। मेरे बच्चों में से कोई भी आपराधिक प्रवृत्ति का नहीं है। मैं इस मामले में किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।” थॉमस ने अपनी बेटी को मानसिक रूप से परेशान और सनकी भी बताया था। (भाषा)