मोरक्को में आया भूकंप तुर्की और सीरिया की तरह ही विनाशकारी है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,000 के आंकड़े को भी पार कर गई है। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका जाहिर की गई है। इस भयावह भूकंप में कम से कम 2,059 लोग घायल हुए हैं। मोरक्को के गृह मंत्रालय ने शनिवार देर रात बताया कि शुक्रवार आए भूकंप में 2,012 लोगों की मौत हो गई है और मृतक संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्ता सबसे अधिक प्रभावित दूर-दराज के क्षेत्रों में पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
मंत्रालय के मुताबिक, सबसे अधिक 1,293 लोगों की मौत अल हौज प्रांत में हुई है। कम से कम 2,059 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 1,404 की हालत गंभीर है। भूकंप के बाद मोरक्को सरकार ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। मोरक्को में शुक्रवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो देश में पिछले 120 साल में आया सबसे भीषण भूकंप है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई देशों के नेताओं ने मोरक्को को मदद की पेशकश की है। जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘मोरक्को में भूकंप के कारण लोगों की मौत से अत्यधिक दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं। अपने प्रियजन को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत इस मुश्किल वक्त में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।’’ जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भी ‘एक्स’ पर मोरक्को के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मदद को तैयार संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र भूकंप प्रभावित आबादी की मदद के प्रयासों में मोरक्को सरकार की सहायता करने के लिए तैयार है।’’ इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने मोरक्को में अपने समकक्ष से फोन पर बात की और भूकंप प्रभावित देश को ‘‘हर संभव’’ सहायता मुहैया कराने की इजराइल की इच्छा व्यक्त की। गैलेंट ने इजराइली सेना को मोरक्को को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी मोरक्को में आई प्राकृतिक आपदा पर दुख जताया और कहा कि अमेरिकी अधिकारी मोरक्को के साथ संपर्क में हैं, ताकि मदद की पेशकश की जा सके। इसके अलावा तुर्किये, कतर और अल्जीरिया समेत कई अन्य देशों ने भी मदद की पेशकश की। (एपी)
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