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पाकिस्तान संग सैन्याभ्यास, चीन के जहाज को शरण, आखिर भारत से पंगा क्यों ले रहा श्रीलंका, जानिए गणित

चीन अड़ंगा लगाता तो श्रीलंका मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज नहीं ले पाता। इसलिए चीन की हालिया कड़ी प्रतिक्रिया के बाद श्रीलंका ने डर के कारण अपना फैसला बदल लिया।

Ranil Wickremesinghe and Narendra Modi- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Ranil Wickremesinghe and Narendra Modi

Highlights

  • चीन ने श्रीलंका से 99 साल के लिए लीज पर ले रखा है हंबनटोटा पोर्ट
  • श्रीलंका का पाकिस्तान से क्या है पुराना 'प्रेम' जो भारत के खिलाफ कदम उठाया
  • लिट्टे के खात्मे के लिए पाकिस्तान ने श्रीलंका को की थी सैन्य मदद

India china pakistan:कंगाली की हालत से गुजर रहे श्रीलंका को धन का लालच आ गया है। कंगाल देश को चलाने के लिए उसे यह लालच चीन की ओर से मिला है। चीन ने अपने जासूसी जहाज को हंबनटोटा पोर्ट पर रुकने की अनुमति मांगी थी। लेकिन भारत के कड़े ऐतराज के बाद श्रीलंका सहम गया था और चीन को मना कर दिया। लेकिन बाद में चीन को हंबनटोटा बंदरगाह पर जहाज रुकने की अनुमति और पाकिस्तान के जंगी जहाज पीएनएस तैमूर को श्रीलंंका में शरण दी। और तो और, श्रीलंका तो अब पाकिस्तान के साथ संयुक्त सैन्याभ्यास भी करने जा रहा है। ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि क्या ऐसा करके श्रीलंका भारत के साथ पंगा रहा है। जानिए क्या है पूरा मामला?

भारत ने हाल ही में श्रीलंका को दिए अरबों डॉलर

श्रीलंका को भारत ने हाल ही में अरबों डॉलर की आर्थिक मदद की है। इसके बाद भी वो भारत के खिलाफ कदम उठा रहा है।  श्रीलंका की रानिल व‍िक्रमसिंघे की सरकार ने पहले चीन में बने पाकिस्‍तान के सबसे घातक युद्धपोत पीएनएस तैमूर को अपने यहां लंगर डालने और सैन्‍य अभ्‍यास की मंजूरी दे दी। फिर भारत के कड़े ऐतराज के बाद चीन के शक्तिशाली जासूसी जहाज युआन वांग 5 को हंबनटोटा पोर्ट पर रुकने की दोबारा अनुमति दी।

चीन ने श्रीलंका से 99 साल के लिए लीज पर ले रखा है हंबनटोटा पोर्ट

सबसे पहले चीन के जासूसी जहाज की बात करें तो श्रीलंका ने चीन के जासूसी जहाज को अगले सप्‍ताह देश के हंबनटोटा पोर्ट पर रुकने की अनुमति दे दी है। हंबनटोटा चीन के नियंत्रण में है और विशेषज्ञों का मानना है कि इसका इस्‍तेमाल चीन भविष्‍य में नौसैनिक बेस के रूप में कर सकता है। भारत और अमेरिका ने चीन के इस जासूसी जहाज को श्रीलंका में रुकने का कड़ा व‍िरोध किया था। पहले भारत के कड़े ऐतराज के बाद श्रीलंका मान गया था। लेकिन रानिल विक्रमसिंघे सरकार पर चीन ने दबाव बनाया। कई दिनों की राजनीतिक खींचतान के बाद कंगाल श्रीलंका ने धन के लालच में चीन के आगे घुटने टेक दिए। दरअसल, चीन ने कंगाल हो चुके श्रीलंका को अरबों डॉलर का कर्ज दे रखा है। कर्ज जाल में फंसाकर चीन ने पूरे हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिए ले लिया।

चीन ने श्रीलंका को क्या दिया लालच, जानिए गणित

चीन ने श्रीलंका को लालच दिया है कि वह कोलंबो को दिए अपने इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर लोन को रिस्‍ट्रक्‍चर करेगा। श्रीलंका के लिए यह कर्ज का रिस्‍ट्रक्‍चर होना इसलिए जरूरी है कि अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष से बेलआउट पैकेज लेना है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से लोन के लिए यह जरूरी है कि चीन अपने कर्ज को रिस्‍ट्रक्‍चर करे। चीन अड़ंगा लगाता तो श्रीलंका मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज नहीं ले पाता। इसलिए चीन की हालिया कड़ी प्रतिक्रिाय के बाद श्रीलंका ने डर के कारण अपना फैसला बदल लिया।

श्रीलंका का पाकिस्तान से क्या है पुराना 'प्रेम' जो भारत के खिलाफ कदम उठाया

श्रीलंका ने चीन के दोस्‍त पाकिस्‍तान को भी खुश करने के चक्‍कर में भारत के खिलाफ कदम उठाया है। बांग्लादेश ने जिस पाकिस्तानी नौसेना के जंगी जहाज पीएनएस तैमूर को अपने यहां शरण देने से मना ​कर दिया था। उसे श्रीलंका ने अपने यहां शरण दी और अब उसके साथ सैन्याभ्यास भी करने जा रहा है। यह युद्धपोत लेजर गाइडेड मिसाइलों और कई सेंसर से लैस है।

लिट्टे के खात्मे के लिए पाकिस्तान ने श्रीलंका को की थी सैन्य मदद

दरअसल, पाकिस्‍तान की सेना ने श्रीलंकी की सेना के तमिल उग्रवादी गुट लिट्टे के खात्‍मे में बड़ी भूमिका निभाई थी। पाकिस्‍तान ने श्रीलंका की सेना को अत्‍याधुनिक सैन्‍य उपकरण और सैन्‍य अधिकारी कोलंबो भेजा था। जबकि भारत ने उस समय श्रीलंका को हथियारों की मदद नहीं की थी। पाकिस्‍तान ने 10 करोड़ डॉलर के टैंक और 6.5 करोड़ डॉलर के हथियार श्रीलंका को भेजे थे। इस सैन्य मदद के कारण श्रीलंका पाकिस्तान की ओर झुका और अब वह पाकिस्तन के साथ सैन्याभ्यास करने को तैयार हुआ है।

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