पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में इन देशों के नेता आ रहे दिल्ली, क्या चीन और पाकिस्तान भी होंगे शामिल?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 8 या 9 जून को हो सकता है। इसमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मॉरीशस जैसे देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी शनिवार या रविवार को लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। तारीख का ऐलान एक दो दिन में हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी प्रथम नीति के तहत भारत के पड़ोसी देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शामिल होने आ रहे हैं। अभी तक प्रधानमंत्री की ओर से श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मॉरीशस के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार इन सभी देशों के नेता आने को लगभग तैयार हैं।
पीएम मोदी को एनडीए ने अपने दल का नेता चुन लिया है। इसके बाद भाजपा संसदीय दल की ओर से भी वह नेता चुने जाएंगे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रधानमंत्री के शपथ समारोह में शीर्ष दक्षिण एशियाई नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जो सरकार की 'पड़ोसी पहले' नीति को दर्शाता है। बांग्लादेश और श्रीलंकाई नेताओं ने पहले ही पीएम मोदी से फोन पर बात कर कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी की पुष्टि कर दी है। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड', भूटान के पीएम शेरिंग टोबगे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ का पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आना तय माना जा रहा है। इन सभी को भी औपचारिक निमंत्रण भी भेज दिया गया है। पीटीआई के अनुसार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंहे ने समारोह में आने की हरी झंडी दे दी है।
293 सीटों पर एनडीए ने दर्ज की है जीत
543 लोकसभा सीटों वाले लोकसभा में एनडीए ने 293 सीटों पर जीत हासिल की है। इनमें से बीजेपी अकेल 240 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल-यूनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार सहित एनडीए के सहयोगियों ने कल प्रधान मंत्री के आवास पर मुलाकात की और सर्वसम्मति से पीएम मोदी को गठबंधन के नेता के रूप में चुन लिया था। अब 8 या 9 जून को पीएम मोदी का शपथ ग्रहण समारोह होना है। हालांकि इसमें चीन और पाक नेताओं के शामिल होने का कोई संकेत नहीं है। उन्हें न्यौता भी नहीं दिया गया है। वर्ष 2014 में, सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था। वहीं 2019 में, बिम्सटेक देशों के नेताओं ने भाग लिया था।
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