IMF on Maldives: चीन के दम पर भारत से पंगा लेने वाला मालदीव चीन के कर्ज के जाल में फंसता जा रहा है। हालात ये हैं कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने खुद संसद में कहा है कि वे नई विकास काम नहीं चला सकते, क्योंकि देश की आर्थिक स्थिति डांवाडोल है। इसी बीच कर्ज के बोझ से दब रहे मालदीव को अंतरराष्ट्रीय मद्रा कोष ने कड़ी चेतावनी दी है। चीन से अरबों का कर्ज लेने वाले मालदीव को IMF ने ने लोन संकट को लेकर आगाह किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन और मालदीव की बढ़ती निकटता के बीच अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मोइज्जू प्रशासन को 'ऋण संकट' के प्रति आगाह किया है। चीन से अरबों डॉलर का कर्ज लेने वाले मालदीव को आगाह करते हुए IMF ने कहा है कि मालदीव को तत्काल अपनी नीति बदलने की जरूरत है। आईएमएफ ने कहा है कि भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच मालदीव ने चीन से अरबों रुपये उधार लिए हैं। ऐसे में हिंद महासागर में रणनीतिक अहमियत वाले इस देश को तत्काल अपनी नीतियों पर दोबारा विचार करना चाहिए।
मालदीव को नीतिगत बदलाव करने होंगे
आईएमएफ ने मालदीव की अर्थव्यवस्था की समीक्षा के बाद कहा, अगर मालदीव महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव नहीं करता है तो देश का कुल राजकोषीय घाटा और सार्वजनिक ऋण अधिक बने रहने का अनुमान है।
बता दें कि मालदीव की इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा टूरिज्म इंडस्ट्री पर आधारित है। ऐसे में जब कोरोनाकाल खत्म हुआ तो मुश्किल से मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री पटरी पर आई, लेकिन भारत से पंगा लेने के बाद भारतीयपर्यटकों ने मालदीव का बायकॉट कर दिया। इसके बाद से ही मालदीव में पर्यटकों की संख्या कम होने लगी और श्रीलंका आगे निकल गया। मालदीव की इकोनॉमी का एक तिहाई हिस्सा पर्यटन से आता है। इसके बावजूद देश चलाने के लिए उसे चीन से अरबों डॉलर का कर्ज लेना पड़ा है।
विदेशी कर्ज पर मालदीव ने कही ये बात
आईएमएफ ने कहा कि योजनाबद्ध तरीकों से एयरपोर्ट विस्तार और होटलों की संख्या में वृद्धि से मालदीव का आर्थिक विकास तेज हो सकता है। आईएमएफ ने कहा कि अनिश्चितता बनी हुई है। मालदीव पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ने का खतरा है। विश्व बैंक के मुताबिक मालदीव के वित्त मंत्रालय ने 2021 में स्वीकार किया था कि उसके पास तीन बिलियन डॉलर से अधिक विदेशी ऋण है। इसका 42 फीसदी हिस्सा चीन का है।
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