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मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने 'इंडिया आउट' एजेंडे से किया इनकार, भारत को लेकर कही बड़ी बात

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को लेकर एक बार फिर बड़ी बात कही है। अमेरिका में मुइज्जू ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में कहा कि हम किसी भी समय, किसी भी देश के खिलाफ कभी नहीं रहे।

Maldives President Mohamed Muizzu- India TV Hindi Image Source : FILE AP Maldives President Mohamed Muizzu

माले: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘भारत को बाहर करने’ (इंडिया आउट) के किसी भी एजेंडे से इनकार करते हुए कहा कि उनके देश में विदेशी सेना की मौजूदगी द्वीपीय देश के लिए ‘गंभीर समस्या’ थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे मुइज्जू ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय के कार्यक्रम ‘डीन्स लीडरशिप सीरीज’ में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। 

'किसी भी देश के खिलाफ नहीं'

मालदीव के समाचार पोर्टल ‘अधाधू डॉट कॉम’ ने उनके हवाले से कहा, ‘‘हम किसी भी समय, किसी भी देश के खिलाफ कभी नहीं रहे। यह भारत को बाहर करना (इंडिया आउट) नहीं है। मालदीव के लोगों को अपने देश में विदेशी सेना की उपस्थिति से एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था।’’ मुइज्जू ने कहा, ‘‘मालदीव के लोग नहीं चाहते कि एक भी विदेशी सैनिक देश में रहे।’’ 

'अपमान बर्दाश्त नहीं'

मालदीव के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने के लिए उपमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। खबर में उनके हवाले से कहा गया है, ‘‘किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। मैंने इसके खिलाफ कार्रवाई की है। मैं किसी का भी इस तरह अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा, चाहे वह नेता हो या कोई आम व्यक्ति। हर इंसान की अपनी प्रतिष्ठा होती है।’’

तनावपूर्ण हो गए थे संबंध

गौरतलब है कि, भारत और मालदीव के बीच संबंध पिछले साल नवंबर से ही तनावपूर्ण हो गए थे, जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वह भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुला ले। इसके बाद भारत ने 10 मई तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया था।  

पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा

यहां यह भी बता दें कि, मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उनके पोस्ट को लेकर मालदीव के उपमंत्रियों ने भारतीय प्रधानमंत्री की आलोचना की थी। उनकी राय में, यह केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का एक प्रयास था। प्रधानमंत्री मोदी कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए दो और तीन जनवरी को लक्षद्वीप में थे। (भाषा)

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