भारत से तनातनी के बीच चीन निकले मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू, शी जिनपिंग से मिलेंगे
इस यात्रा के दौरान मुइज्जू चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। मुइज्जू को चीन का काफी करीबी माना जाता है। हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें चीन का समर्थन हासिल था।
भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के कारण चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की रात चीन की यात्रा पर निकल गए हैं। इस यात्रा के दौरान मुइज्जू चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। दोनों नेता अपने देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को चीन का काफी करीबी माना जाता है। हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें चीन का समर्थन हासिल था।
शी जिनपिंग का निमंत्रण
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मुइज्जू और प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद रविवार रात राजकीय यात्रा पर चीन के लिए रवाना हुए। यह यात्रा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण के बाद हो रही है। यात्रा पर राष्ट्रपति और प्रथम महिला के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी गया है। बता दें कि ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार के मंत्रियों की टिप्पणियों के कारण भारत और मालदीव के बीच तनाव चरम पर है।
क्या होगा इस यात्रा में?
शी जिनपिंग तथा मुइज्जू देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। दोनों नेता कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि राष्ट्रपति शी 8-12 जनवरी तक राजकीय यात्रा पर आ रहे मुइज्जू के स्वागत में भोज देंगे। दोनों राष्ट्राध्यक्ष बातचीत करेंगे और सहयोग दस्तावेजों के हस्ताक्षर समारोह में भाग लेंगे।
भारत-मालदीव के संबंध तनावपूर्ण
मालदीव में मो. मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। मुइज्जू चीन के समर्थक माने जाते हैं। करीब 2 माह पहले मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने भारतीय सेना को अपने देश से हटाने का पहला फैसला किया। उन्हें अक्सर भारत विरोधी बयान देने के लिए जाना जाता है। मुइज्जू ने मालदीव सरकार की परंपरा तोड़ते हुए दो मुस्लिम देशों की यात्रा का निश्चय कर भारत के साथ अपने संबंधों को और खराब कर लिया। मुइज्जू ने पहले मुश्लिम देश तुर्की की यात्रा करने के बाद भारत को दरकिनार करते हुए अब 8 जनवरी से चीन की यात्रा को प्राथमिकता दी है।
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