नई दिल्लीः भारत-बांग्लादेश कंसुलर संवाद में वीजा और प्रत्यर्पण जैसे मुद्दों पर व्यापक द्विपक्षीय बातचीत हुई है। इसके बाद इन मुद्दों पर दोनों देशों के बीच पैदा होने वाली सभी विसंगतियों को दूर करने का निर्णय लिया गया है। आने वाले समय में भारत और बांग्लादेश के संबंधों में इससे और अधिक मधुरता आने की उम्मीद की जा रही है। दोनों देशों ने बुधवार को विस्तृत मुद्दों पर चर्चा की और वीजा, परस्पर कानूनी सहायता एवं प्रत्यर्पण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
दोनों पक्षों ने दिल्ली में भारत-बांग्लादेश कंसुलर संवाद के चौथे दौर के लिए मुलाकात की और दोनों देशों की जनता के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने ‘‘कंसुलर संबंधी मुद्दों, वीजा मामलों, देश प्रत्यावर्तन , एमएलएटी (पारस्परिक कानूनी सहायता संधि) और प्रत्यर्पण मामलों आदि पर समन्वय और सहयोग को मजबूत करने के तंत्र पर व्यापक चर्चा की।’’ बयान के मुताबिक, ‘‘दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए द्विपक्षीय संशोधित यात्रा व्यवस्था (आरटीए) को और मजबूत करने पर भी सहमति जताई।’’
क्या है भारत-बांग्लादेश कंसुलर संवाद
भारत-बांग्लादेश कंसुलर संवाद तंत्र की स्थापना 2017 में की गई थी। इसका उद्देश्य कंसुलर, वीजा और पारस्परिक कानूनी सहायता से संबंधित मुद्दों पर संवाद का एक नियमित माध्यम बनाकर लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करना है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई गई और पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर ढाका में वार्ता के अगले दौर के आयोजन पर सहमति व्यक्त की गई।’’ (भाषा)
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