कोलंबो: श्रीलंका में पिछले साल हुए राजनीतिक ड्रामे को कौन भूल सकता है। पूरे साल राजनीतिक अस्थिरता और गृह युद्ध के हालात बने रहे। सरकार डांवाडोल हो गई। कर्जे की वजह से अर्थव्यस्था बर्बाद हो चुकी है। श्रीलंका के ऊपर सबसे ज्यादा कर्जा चीन का है। जानकारों की मानें तो कहीं न कहीं चीन की वजह से ही श्रीलंका बर्बाद भी हुआ है। अब हालात यह हैं कि श्रीलंका के पास अपने देश में स्थनीय निकाय चुनाव कराने तक के पैसे नहीं बचे हैं।
अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हुए चुनाव
श्रीलंका के चुनाव निकाय ने मंगलवार को कहा कि 25 अप्रैल को देश में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव धन की भारी कमी के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। निर्वाचन आयोग की इस घोषणा से एक दिन पहले उसके अधिकारियों ने प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठकें की थीं।
इससे पहले 9 मार्च को होने थे चुनाव
आयोग के महानिदेशक समन श्री रत्नायके ने कहा कि सरकारी खजाने द्वारा धन के वितरण की पुष्टि के बाद ही चुनाव की अगली तारीख की घोषणा की जाएगी। श्रीलंका में स्थानीय निकाय के चुनाव पहले नौ मार्च को होने थे लेकिन श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट से जुड़े विभिन्न कारणों की वजह से इसे 25 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
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