बंटवारे के बाद पाकिस्तान में रह गए हिंदुओं के ये बड़े पवित्र मंदिर, एक का रिश्ता 'माता सती' से
भारत के बंटवारे के बाद बंटवारे के बाद हिंदुओं के कई प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर पाकिस्तान में रह गए। इनमें से कई मंदिरोें को नष्ट कर दिया गया तो वहीं, कई के हालात आज खराब हो चुके हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते लंबे समय से तनाव का माहौल बना हुआ है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को एससीओ की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद जा रहे हैं। आपको बता दें कि बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ जुल्म होते रहे हैं। हिंदुओं के कई ऐसे मंदिर हैं जो कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान में रह गए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही खास मंदिरों के बारे में।
428 मंदिर में से 20 ही बचे
ऑल-पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट की सर्वे रिपोर्ट में बताया गया था कि बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में कुल 428 हिंदू मंदिर थे। हालांकि, समय के साथ कई को नष्ट कर दिया गया और इनमें से 408 मंदिरों को खिलौनों की दुकानों, रेस्तरां, सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में बदल दिया गया। सरकारी अनुमान के मुताबिक, 2019 तक पाकिस्तान के सिंध में 11 मंदिर, पंजाब में 4, बलूचिस्तान में 3 और खैबर पख्तूनख्वा में 2 मंदिर चालू थे।
हिंगलाज माता मंदिर
ये पाकिस्तान में स्थित हिंदुओं के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। हिंगलाज माता मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नेशनल पार्क में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के उन 51 स्थलों में से एक है जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे। हर साल हजारों की संख्या में भक्त हिंगलाज माता मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इसे से हिंगलाज देवी , हिंगुला देवी और नानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
कटास राज मंदिर
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चकवाल क्षेत्र के पास भगवान शिव को समर्पित कटास राज मंदिर स्थित है। ये मंदिर करीब 1500 साल पुराना माना जाता है। यहां और भी कई अन्य मंदिरों की श्रृंखला है जो दसवीं शताब्दी के बताये जाते हैं। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव की आँखों से दो आंसू टपके थे उनमें से एक यहीं गिरा था।
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर
ये पाकिस्तान के कराची शहर में स्थित हिंदू धर्म के लिए सबसे पवित्र धर्म स्थलों में से एक है जो कि भगवान हनुमान को समर्पित है। सर गंगा राम हेरिटेज फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर 1,500 साल पुराना है जो कि पाकिस्तान में स्थित सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
कालका देवी मंदिर
हिंदू धर्म के उपासकों के लिए सबसे पवित्र मंदिरों में से एक ये स्थल पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अरोर की कालका पहाड़ियों में स्थित है। प्राकृतिक गुफा में स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। मंदिर की देखभाल करने वाले लोगों के अनुसार, कालका गुफा मंदिर में दो सुरंगें हैं जो हिंगलाज माता मंदिर से जुड़ती हैं।
वरुण देव मंदिर
श्री वरुण देव मंदिर पाकिस्तान के कराची में सिंध में स्थित है। यह पवित्र हिंदू मंदिर मनोरा द्वीप पर स्थित है। ये मंदिर भगवान झूलेलाल को समर्पित है, जिन्हें वरुण देव के नाम से भी जाना जाता है। वरुण देवता को हिंदू धर्म में जल के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
राम मंदिर
पाकिस्तान के इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में स्थित राम मंदिर को राम कुंड मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान श्रीराम को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मानसिंह के द्वारा करवाया गया था।
ये भी पढ़ें- जब अटल जी ने दहेज में मांग लिया था पूरा पाकिस्तान, किस्सा है मजेदार
ये है पाकिस्तान का हाल, जानिए कट्टरपंथियों के दबाव में पुलिस ने अहमदियों के साथ क्या किया