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Hindi News विदेश एशिया Russia Putin: रूस के इस करीबी दोस्त ने छोड़ा उसका साथ! छोटे से देश ने ले लिया बड़ा फैसला, सैन्य अभ्यास को बिना कारण किया रद्द

Russia Putin: रूस के इस करीबी दोस्त ने छोड़ा उसका साथ! छोटे से देश ने ले लिया बड़ा फैसला, सैन्य अभ्यास को बिना कारण किया रद्द

Russia Kyrgyzstan: रूस के करीबी दोस्त किर्गिस्तान ने उसे आंख दिखाना शुरू कर दिया है। उसने रूस की अगुवाई में होने वाले सैन्य अभ्यास को बिना कारण बताए रद्द कर दिया है।

Russian President Vladimir Putin- India TV Hindi Image Source : AP Russian President Vladimir Putin

Highlights

  • रूस का करीबी दोस्त है किर्गिस्तान
  • किर्गिस्तान ने सैन्य अभ्यास को रद्द किया
  • सीएसटीओ देश करने वाले थे अभ्यास

Russia Kyrgyzstan: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते दुनिया एक बार फिर दो धड़ों में बंटी दिखाई दे रही है। कुछ देश रूस का साथ दे रहे हैं, तो कुछ यूक्रेन का। वहीं बहुत से देश ऐसे भी हैं, जो तटस्थता की नीति का पालन करते हुए शांति से मामला हल करने का सुझाव दे रहे हैं। इस बीच रूस को एक बड़ा झटका लगा है। उसके अच्छे साथी रहे किर्गिस्तान ने उसे आंख दिखाना शुरू कर दिया है। मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान ने रविवार को रूस के नेतृत्व वाले सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) के 6 देशों के बीच होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास को एकतरफा फैसले में रद्द कर दिया है, जो सोमवार से शुरू होने वाला था।

किर्गिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने हालांकि सोमवार से शुक्रवार तक देश के पूर्वी क्षेत्र में होने वाले इस संयुक्त सैन्य अभ्यास - ‘इंडस्ट्रक्टिबल ब्रदरहुड-2022’ कमांड एवं स्टाफ अभ्यास को रद्द किए जाने का कोई कारण नहीं बताया है। खबरों के अनुसार इस अभ्यास में सीएसटीओ के सदस्यों- रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के सैन्य कर्मी शामिल थे और सर्बिया, सीरिया और उज्बेकिस्तान समेत पांच और देशों को पर्यवेक्षकों के तौर पर आमंत्रित किया गया था। हालांकि उसने ऐसा किए जाने के पीछे कोई कारण नहीं बताया है। 

पूर्व सोवियत देश है किर्गिस्तान 

किर्गिस्तान एक पूर्व सोवियत देश है, जिसके वर्तमान में रूस के साथ बहुत मजबूत संबंध हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यकाल के दौरान किर्गिस्तान ने भी अपने देश में रूसी सैन्य अड्डा बनाने की अनुमति दी थी। रूस ने किर्गिस्तान को एस-300 मिसाइल सिस्टम भी दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएसटीओ के सदस्यों रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान- और सर्बिया, सीरिया और उजबेकिस्तान सहित पांच और देशों के सैन्य कर्मियों को पर्यवेक्षकों के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस अभ्यास में केवल वही देश भाग लेने वाले थे, जिनके रूस के साथ अच्छे संबंध हैं। युद्धाभ्यास को वैश्विक अलगाव के बीच रूस की ताकत के प्रदर्शन के रूप में देखा गया था।

किर्गिस्तान पूर्व सोवियत संघ का एक देश है। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद किर्गिस्तान का उदय हुआ था। स्वतंत्रता के बाद से किर्गिस्तान और रूस के बीच संबंध गहरे हुए हैं। किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच हालिया सैन्य झड़प में व्लादिमीर पुतिन के हस्तक्षेप के बाद ही युद्धविराम हुआ था। किर्गिस्तान में बड़ी संख्या में रूसी भाषी लोग रहते हैं।

काफी मजबूत रही है दोनों की दोस्ती

रूस और किर्गिस्तान पड़ोसी देश हैं, जिनकी दोस्ती काफी मजबूत है। रूस का बिश्केक में एक दूतावास और ओश में एक वाणिज्य दूतावास है, और किर्गिस्तान का मॉस्को में एक दूतावास, एकातेरिनबर्ग में एक वाणिज्य दूतावास और नोवोसिबिर्स्क में एक उप-वाणिज्य दूतावास है। 1991 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने किर्गिस्तान की अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा की थी।

साल 2003 में किर्गिस्तान ने रूसी वायु सेना को बिश्केक के पूर्व कांट एयर बेस में तैनात किया था। 20 सितंबर 2012 को रूस और किर्गिस्तान ने 2017 से आगे तक के लिए 15 वर्षों के लिए रूस को किर्गिस्तान में एक संयुक्त सैन्य अड्डे की अनुमति देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते पर बिश्केक में व्लादिमीर पुतिन और अल्माजबेक अताम्बायेव के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। रूस ने किर्गिस्तान को कई सैन्य हथियार प्रदान किए हैं, विशेष रूप से एस-300 मिसाइल सिस्टम और स्ट्राइक ड्रोन।

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