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जापान की निजी स्पेस कंपनी का अंतरिक्ष यान चांद पर क्रैश, लैंडिंग की कोशिश में हादसे का शिकार

जापान की एक कंपनी का अंतरिक्ष यान बुधवार को चंद्रमा पर उतरने की कोशिश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के कारण यान से संपर्क टूट गया और उड़ान नियंत्रक यह पता लगाने की कोशिशों में जुटे हैं कि आखिर वहां हुआ क्या।

जापान की निजी स्पेस कंपनी ‘आईस्पेस’ के स्पेसक्राफ्ट का मॉडल- India TV Hindi Image Source : CFP जापान की निजी स्पेस कंपनी ‘आईस्पेस’ के स्पेसक्राफ्ट का मॉडल

जापान की एक कंपनी का अंतरिक्ष यान बुधवार को चंद्रमा पर उतरने की कोशिश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के कारण यान से संपर्क टूट गया और उड़ान नियंत्रक यह पता लगाने की कोशिशों में जुटे हैं कि आखिर वहां हुआ क्या। संपर्क टूटने के छह घंटे से अधिक समय बाद तोक्यों की कंपनी ‘आईस्पेस’ ने उस बात की पुष्टि की, जिसका सभी को संदेह था। कंपनी ने कहा कि ऐसी ‘‘उच्च संभावना’’ है कि यान चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह ‘आईस्पेस’ के लिए बेहद निराशाजनक है, क्योंकि वह करीब साढ़े चार महीने से इस मिशन पर काम कर रहा था, जिसका मकसद चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक उतारना था। ऐसा अभी तक केवल तीन देश ही कर पाए हैं। 

चंद्रमा की सतह पर उतरे समय दुर्घटना
‘आईस्पेस’ के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ताकेशी हकमादा को यान से संपर्क टूट जाने के बाद भी उसके चंद्रमा पर सुरक्षित रूप से उतर जाने की उम्मीद थी। हकमादा जब अंतरिक्ष यान के चंद्रमा पर उतरने की कोशिश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने की घोषणा कर रहे थे, तब वह और उनके सहकर्मी काफी गमगीन नजर आए। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘यह माना जा रहा है कि यान चंद्रमा की सतह पर उतरे समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया।’’ अगर यह मिशन सफल होता तो ‘आइस्पेस’ चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यान उतारने वाली पहली निजी कंपनी बन जाती। हालांकि, हकमादा ने फिर कोशिश करने का संकल्प किया और कहा कि अगले साल एक यान को चंद्रमा की सतह पर भेजने की दिशा में पहले से ही काम शुरू कर दिया गया है। 

भारत जल्द ही करने वाला है चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण
गौरतलब है कि अभी तक केवल रूस, अमेरिका और चीन की आधिकारिक अंतरिक्ष एजेंसी के यान ही चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर पाए हैं। इज़राइल की एक गैर-लाभकारी संस्था ने 2019 में चंद्रमा की सतह पर एक यान उतारने की कोशिश की थी, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पाई थी। वहीं इस दिशा में भारत भी अपने कदम बढ़ा रहा है। भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO अपने अगले मून मिशन के तहत चंद्रयान-3 के परीक्षणों में लगी हुई है। ये भारत का तीसरा मून मिशन है। इस अभियान का मकसद चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और रोवर के घूम-घूमकर नमूने जुटाने की क्षमता प्रदर्शित करना है। इसरो इसे जून में प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) के जरिये चंद्रमा की ओर रवाना किया जाएगा

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