दक्षिण चीन सागर के साथ ड्रैगन हिंद- प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी अपनी दादागिरी बढ़ाता जा रहा है। जबकि इस क्षेत्र में भारत और जापान जैसे देशों का हित अत्यधिक निहित है। चीन ने हिंद - प्रशांत महासागर क्षेत्र में भारत और जापान जैसे देशों के लिए कड़ी चुनौती पैदा कर दी है। ऐसे में भारत और जापान दोनों को ही एक दूसरे की बेहद जरूरत है, जो कंधा मिलाकर चल सकें और कुटिल चीन को उसकी भाषा में ही जवाब दे सके। इसीलिए भारत और जापान ने हिंद- प्रशांत महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समेत अन्य सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों देशों के इस फैसले से निश्चित रूप से ही चीन को जलन होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत मुक्त, खुले और नियमों पर आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर जापान के दृष्टिकोण को साझा करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय सहयोग का दायरा बढ़ाना जारी रखना चाहिए। रक्षा मंत्री ने एक बैठक के दौरान जापान के रक्षा उपमंत्री ओका मसामी को यह जानकारी दी। ओका वर्तमान में मुख्य रूप से सातवें रक्षा नीति संवाद में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा पर हैं। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के भारत दौरे के दो सप्ताह बाद बुधवार को यह संवाद हुआ। किशिदा ने अपने दौरे के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत को जापान का ‘‘अपरिहार्य भागीदार’’ बताया।
दोनों देशों के बीच हुआ रक्षा नीति संवाद
रक्षा नीति संवाद में, भारत और जापान समग्र रणनीतिक जुड़ाव को मजबूत करने के उद्देश्य के तहत अंतरिक्ष और साइबर जैसे नए और उभरते क्षेत्र में अपने रक्षा सहयोग में विविधता लाने पर सहमत हुए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह के साथ बैठक में ओका ने रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने की जापान की इच्छा को दोहराया। मंत्रालय ने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत मुक्त, खुले, सुरक्षित और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत के लिए जापान के दृष्टिकोण को साझा करता है और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय सहयोग के दायरे का विस्तार करना जारी रखना चाहिए।’’ मंत्रालय ने कहा कि ओका के साथ भारत में जापान के राजदूत सुजुकी हिरोशी भी थे, जिन्होंने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में सिंह के ‘‘मजबूत और सकारात्मक’’ नेतृत्व द्वारा प्रदान की गई प्रेरणा के लिए उनको धन्यवाद दिया।
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