जयशंकर की श्रीलंका यात्रा बढ़ाएगी चीन की बेचैनी, नए राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके से जानें किन मुद्दों पर हुई बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर की श्रीलंका यात्रा पर चीन की पैनी नजर है। भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूती देने के लिए जयशंकर आज ही कोलंबो पहुंचे हैं। श्रीलंका में नई सरकार के गठन के बाद यह उनकी पहली कोलंबो यात्रा है।
कोलंबोः विदेश मंत्री एस जयशंकर की श्रीलंका यात्रा से चीन की बेचैनी बढ़नी तय मानी जा रही है। श्रीलंका में नई सरकार का गठन होने के बाद जयशंकर आज पहली बार कोलंबो पहुंचे हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में अनुरा कुमार दिसानायके के शपथ लेने के एक पखवाड़े से भी कम समय बाद द्वीप राष्ट्र के नेतृत्व से मुलाकात करने के लिए वह एक दिवसीय यात्रा पर हैं। जयशंकर ने कोलंबो हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कोलंबो में पुन: आकर अच्छा लगा। श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ आज अपनी बैठकों को लेकर उत्साहित हूं।’’
अब से कुछ देर पहले जयशंकर ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने एक्स पर लिखा कि आज कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से भी उन्हें हार्दिक बधाई दी। भारत-श्रीलंका के संबंधों के लिए उनकी हार्दिक भावनाओं और मार्गदर्शन की सराहना करते हैं। इस दौरान दोनों देशों और क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए चल रहे सहयोग को गहरा करने और भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
बता दें कि दिसानायके के नेतृत्व वाली ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) की सरकार के 23 सितंबर को सत्ता में आने के बाद जयशंकर श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेशी गणमान्य व्यक्ति हैं। इसलिए भी चीन की परेशानी बढ़ना लाजमी है। जयशंकर की इस यात्रा पर चीन पैनी नजर बनाए हुए है। श्रीलंका की विदेश सचिव अरुणी विजयवर्धने और श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने हवाई अड्डे पर जयशंकर का स्वागत किया।
सबसे पहले नए विदेश मंत्री से मिले जयशंकर
श्रीलंका पहुंचने के बाद जयशंकर ने सबसे पहले यहां के नए विदेश मंत्री विजिथा हेराथ से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि "आज कोलंबो में विदेश मंत्री विजिथा हेराथ के साथ व्यापक और विस्तृत वार्ता संपन्न हुई। एक बार फिर उन्हें नई जिम्मेदारियों के लिए बधाई दी। भारत-श्रीलंका साझेदारी के विभिन्न आयामों की समीक्षा की। साथ ही उन्हें श्रीलंका के आर्थिक पुनर्निर्माण में भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। हमारी नेबरहुड फर्स्ट नीति और सागर दृष्टिकोण हमेशा भारत श्रीलंका के संबंधों की प्रगति का मार्गदर्शन करेगा।"
भारत-श्रीलंका के रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा
अधिकारियों ने बताया कि जयशंकर के श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके कोलंबो में भारतीय परियोजनाओं पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में उनके महत्व को रेखांकित किया। हालांकि दिसानायके ने विपक्ष में रहते हुए कुछ भारतीय परियोजनाओं, खासकर अदाणी समूह द्वारा संचालित सतत ऊर्जा परियोजनाओं पर आपत्तियां जताई थीं। उन्होंने सत्ता में आने पर इन परियोजनाओं को रद्द करने का वादा किया था और उनका दावा था कि ये परियोजनाएं श्रीलंका के हितों के खिलाफ हैं। ऐसे में राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके के साथ जयशंकर की यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनकी यह यात्रा ‘‘भारत की पड़ोसी पहले नीति और सागर दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, यह यात्रा आपसी लाभ के लिए दीर्घकालिक साझेदारी को और गहरा करने हेतु दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।’’(भाषा)
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