वियनतियाने (लाओस): लाओस में आज भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चीन के अपने समकक्ष वांग यी के साथ अहम बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा हुई। बता दें कि भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों में वास्तविक नियंत्रण रेखा का विवाद बड़ा मुद्दा रहा है। डॉ. एस जयशंकर ने वांग यी से दोनों देशों के संबंधों को फिर से बहाल करने की राह में भारत-चीन सीमा विवाद को मुख्य कारक बताया। उन्होंने कहा कि सीमा के हालात अनिवार्य रूप से हमारे संबंधों की स्थिति पर प्रतिबिंबित होंगे।
इस दौरान विदेश मंत्री ने जयशंकर और वांग यी की ओर से सीमा पर डिसइंगेजमेंट (सैनिकों की संख्या सीमा पर दोनों पक्षों की ओर से कम करने) को लेकर सख्त दिशा-निर्देश देने पर सहमति जताई गई। साथ ही एलएसी पर हुए पूर्व समझौतों का सम्मान करना सुनिश्चित करने की बात भी हुई। डॉ. जयशंकर ने कहा कि हमारे संबंधों को स्थिर करना दोनों ही देशों के पारस्परिक हित में हैं। इसलिए मौजूदा विवाद के मुद्दों पर तात्कालिकता की भावना से विचार करना चाहिए।
जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान शेयर किया पोस्ट
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की तस्वीरें और उनके अहम बिंदुओं को अपने एक्स पोस्ट पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि आज आज वियनतियाने में सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात हुई। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चल रही चर्चा को जारी रखा गया। साथ ही सीमा की स्थिति पर वार्ता हुई, क्योंकि यह अनिवार्य रूप से हमारे संबंधों की स्थिति पर प्रतिबिंबित होती है।
उन्होंने कहा कि एलएसी पर डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत कदम उठाने जरूरत पर सहमति जताई गई। साथ पिछले समझौतों का पूरा सम्मान सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत हुई। जयशंकर ने कहा कि हमारे संबंधों को स्थिर करना हमारे पारस्परिक हित में है। हमें तात्कालिक विवाद के मुद्दों को तात्कालिकता की भावना के उद्देश्य से विचार करना होगा।
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