इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में इजरायली पीएम को विपक्षी दलों की ओर से बड़ा समर्थन मिला है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा प्रमुख और विपक्षी दल के नेता बेनी गैंट्ज में एक आपातकालीन सरकार स्थापित करने के लिए सहमति बन गई है। गैंट्ज की राष्ट्रीय एकता पार्टी द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में इस गठबंधन को लेकर एलान किया गया है।
क्या होगा फायदा?
आपातकालीन सरकार बनाने के इस फैसले के बाद एक युद्धकालीन कैबिनेट के गठन का रास्ता साफ हो गया है, जिसमें नेतन्याहू, गैंट्ज और रक्षा मंत्री योव गैलेंट और दो सेवारत शीर्ष अधिकारी बतौर ‘पर्यवेक्षक’ सदस्य शामिल होंगे। जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जब तक हमास से जंग जारी रहेगी तब तक कोई भी गैर युद्ध संबंधी विधेयक न तो पारित होगा और ना ही इससे जुड़ा कोई फैसला लिया जाएगा।
बिना शर्त समझौता
इजरायल में विपक्षी नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता बेनी गैंट्ज ने पहले ही इस बात का संकेत दे दिया था कि इस मुश्किल घड़ी में वह बिना किसी शर्त के आपातकालीन सरकार बनाने के इच्छुक हैं। बता दें कि गैंट्ज पूर्व में इजराइल के रक्षामंत्री और इजराइल रक्षा बल (IDF) के प्रमुख के रूप में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। इसके अलावा मुख्य विपक्षी दल के नेता यार लापिड को भी नए मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता दिया गया है।
अब तक कितना नुकसान
इजरायल ने गाजा के आतंकी संगठन हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पहले ही कहा है कि इस युद्ध के बाद क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। इजरायल और हमास के बीच अब तक हुई हिंसा में इजरायल के 1200 से अधिक और गाजा पट्टी के 1000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इजरायल की पैदल सेना भी जल्द ही गाजा पट्टी में एंट्री कर सकती है।
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