नई दिल्ली: इजरायल पर 7 अक्टूबर के दिन हमास के आतंकियों ने हमला किया था। इस दौरान हमास के आतंकियों ने 5 हजार रॉकेट इजरायल पर दागे। इस दौरान आतंकियों ने इजरायली सीमा में भी घुसपैठ की और कई लोगों की हत्या कर दी। इस घटना में अबतक 1300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और अबतक हजारों की संख्या में लोग घायल है और सैकड़ों लोग लापता हैं। इस हमले में भारतीय मूल की कम से कम दो इजरायली महिला सुरक्षा अधिकारियों की मौत हो गई है। अधिकारिक सूत्रों और समुदाय के लोगों ने रविवार के दिन इसकी पुष्टि की है।
भारतीय मूल की सुरक्षा अधिकारियों की मौत
अधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि 7 अक्टूबर को हुए हमले में अशदोद के होम फ्रंट के कमांडर 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट ऑर मोसेस और पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की बॉर्डर पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर किम डोकरकर की मौत हो गई है। युद्ध में दोनों भारतीय मूल के सुरक्षा अधिकारियों की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है। सेना के अधिकारियों के मुताबिक, अबतक संघर्ष में सेना के 286 सैनिक और पुलिस के 51 अधिकारी मारे गए हैं। कई समुदाय के सदस्यों ने पीटीआई को बताया कि पीड़ितों की संख्या और अधिक हो सकती है। क्योंकि इजरायली मृतकों की पुष्टि जारी है और जिन लोगों का अपहरण हुआ है उनकी तलाश जारी है।
भारतीय मूल की महिला ने दी गवाही
भारतीय मूल समुदाय की एक युवा महिला शहाफ टॉकर, जो कि अपने दोस्तों के साथ इस हमले में बचने में कामयाब रहीं, ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने उस दिन जो भी झेला उसकी गवाही उन्होंने और उनके दादा ने दी है। वे अभी भी सदमें हैं और मानसिक पीड़ा के कारण बोलने में असमर्थ हैं। महिला के दादा याकोवा टॉकर ने अपनी गवाही लिखित रूप में दी है। बता दें कि महिला के दादा याकोवा टॉकर 11 साल की आयु में सन 1963 में मुंबई से इजरायल चले गए थे। बता दें कि हमास द्वारा किए गए इस आतंकी हमले में अबतक 1300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं हजारों की संख्या में लोग घायल हैं और सैकड़ों की संख्या में लोग लापता हैं।
(इनपुट-पीटीआई)
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