क्या चीन दे रहा अमेरिका को रूस की सुपारी, जानें अचानक क्यों बढ़ी अमेरिका और ड्रैगन में यारी?
रूस-यूक्रेन युद्ध और ताइवान पर तनाव के बीच अमेरिका और चीन में अचानक शुरू हुआ दोस्ती का नया अध्याय हर किसी को चौंकाने वाला है। साथ ही यह रूस को चौकन्ना करने वाला भी है। अमेरिका और चीन के बीच अचानक बढ़ रही यह नजदीकी यूं ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ न कुछ गुप्त डील हो सकती है, जो रूस के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
जो चीन और अमेरिका एक दूसरे को फूटी आंख भी देखना पसंद नहीं करते थे, जिस चीन और अमेरिका में युद्ध होने जैसे हालात बन गए थे और जिस चीन और अमेरिका में दोस्ती असंभव सी लगने लगी थी... अब आखिर ऐसा क्या हो गया कि दोनों देशों में दोस्ती के अंकुर फूटने लगे हैं। क्या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली यह दोस्ती रूस के खिलाफ कोई साजिश तो नहीं?...क्या चीन ने अमेरिका के हाथों रूस को निपटाने की सुपारी ले ली है?...ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि जो चीन यूक्रेन युद्ध में न सिर्फ रूस की खुलेआम तरफदारी कर रहा था, बल्कि चोरी-छिपे उसे हथियार भी मुहैया करा रहा था और जो चीन अमेरिका से आए दिन पंगा लिया करता था...अब उसके सुर अचानक से बदलने क्यों लगे हैं?
आपको बता दें कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इन दिनों चीन के साथ बढ़ते तनाव को कम करने के मकसद से चीन की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। यात्रा के अंतिम दिन सोमवार को उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की है। दोनों नेताओं में यात्रा की सफलता के लिए इस बैठक को अहम समझा जा रहा है। इस बैठक से मात्र एक घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस संबंध में घोषणा की। यह बैठक ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल’ में हुई। यदि यह बैठक नहीं होती तो यह वरिष्ठ स्तर पर संवाद को बहाल करने और बनाए रखने के प्रयास के लिए एक बड़ा झटका होता।
5 साल बाद चीन गया अमेरिका का कोई विदेश मंत्री
अभी तक अमेरिका और चीन में तनाव इस कदर था कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में उनका विदेशमंत्री चीन नहीं गया। ब्लिंकन और वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के बीच पहले हुई बैठकों में दोनों पक्षों ने वार्ता की इच्छा व्यक्त की, लेकिन उन्होंने अपने-अपने कड़े रुख से पीछे हटने की इच्छा नहीं दिखाई। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के बाद से ब्लिंकन चीन की यात्रा करने वाले सर्वोच्च स्तर के पहले अमेरिकी अधिकारी हैं। वह पिछले पांच वर्ष में बीजिंग की यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी विदेश मंत्री हैं। इससे वरिष्ठ अमेरिकी और चीनी अधिकारियों की यात्राओं का नया दौर शुरू होने की संभावना है। ऐसी संभावना है कि इसके बाद आगामी महीनों में शी और बाइडेन के बीच भी बैठक हो सकती है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्लिंकन की यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब ‘‘चीन-अमेरिका संबंध एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं और बातचीत या टकराव, सहयोग या संघर्ष के बीच चयन करना आवश्यक है’’ तथा उसने संबंधों के इस समय ‘‘निम्न स्तर’’ पर होने के लिए ‘‘चीन को लेकर अमेरिकी पक्ष की गलत धारणा को दोषी’’ ठहराया, जिसके कारण ‘‘चीन के प्रति गलत नीतियां बनाई’’ गईं।
अमेरिका और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई 6 घंटे की बैठक
ब्लिंकन ने रविवार को करीब छह घंटे तक चीन के अपने समकक्ष छिन कांग के साथ व्यापक बातचीत की थी। दोनों पक्ष उच्च स्तरीय बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने कहा कि छिन ने ब्लिंकन के वाशिंगटन आने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। चीन ने साथ ही स्पष्ट किया कि ‘‘चीन-अमेरिका के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं।’’ अमेरिकी अधिकारी भी कई बार ये बात कह चुके हैं। बाइडेन और शी पिछले साल बाली में एक बैठक में ब्लिंकन के दौरे पर सहमत हुए थे। हालांकि, अमेरिका के हवाई क्षेत्र में चीन का कथित जासूसी गुब्बारा नजर आने के बाद फरवरी में ब्लिंकन ने अपनी चीन की यात्रा रद्द कर दी थी। मगर अब संबंधों का ये नया दौर शुरू हुआ है। इससे रूस को भी सतर्क रहना होगा। अब देखना है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती नजदीकी से निपटने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन क्या तैयारी करते हैं?
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