दुबई: ईरान में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के मारे जाने के बाद शुक्रवार को देश में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कट्टरपंथी परमाणु वार्ताकार सईद जलीली और सुधारवादी मसूद पेजेश्कियन के बीच है। इससे पहले 28 जून को मतदान के शुरुआती दौर में किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले थे। किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिलने की वजह से ईरान में दोबारा मतदान कराए जा रहे हैं। जेल में बंद नोबेल पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी सहित कई लोगों ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया है।
इनके बीच है मुकाबला
ईरान में मतदाताओं को कट्टरपंथी पूर्व परमाणु वार्ताकार सईद जलीली और हार्ट सर्जन तथा लंबे समय से संसद सदस्य रहे मसूद पेजेश्कियन के बीच चुनाव करना है। मसूद पेजेश्कियन ने सुधारवादियों और ईरान के शिया धर्मतंत्र में उदारवादियों के साथ खुद को जोड़ा है। देश के गृह मंत्री अहमद वहीद के पास चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने का जिम्मा है और उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र सुबह आठ बजे खुल गए।
आयतुल्ला अली खामेनेई ने किया मतदान
देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने अपने आवास में मतदान किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि लोगों में पहले से अधिक उत्साह है। लोग मतदान करें और सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार चुनें।’’ हालांकि, खामेनेई ने बुधवार को कहा था कि जिन लोगों ने पिछले सप्ताह मतदान नहीं किया था, वो देश के शिया धर्मतंत्र के खिलाफ नहीं थे।
किसने क्या कहा
चुनाव स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे समाप्त होगा लेकिन भागीदारी बढ़ाने के लिए पारंपरिक रूप से इसे मध्यरात्रि तक बढ़ा दिया जाता है। पेजेश्कियन के समर्थक चेतावनी दे रहे हैं कि जलीली जीतने पर तेहरान में ‘‘तालिबान’’ जैसी सरकार लाएंगे। वहीं जलीली ने पेजेश्कियन पर भय फैलाने का आरोप लगाया है। (एपी)
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