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यमन में भारतीय नर्स को मिली मौत की सजा मामले में ईरान ने की मदद की पेशकश, जानें पूरा मामला

ईरान ने केरल निवासी भारतीय नर्स निमिशा प्रिया की यमन में मौत की सजा मामले में भारत की मदद करने की पेशकश की है। ईरान इस बहाने भारत के साथ अपने तेल व्यापार संबंध अन्य ट्रेड को बढ़ावा देना चाहता है।

ईरान का फ्लैग। - India TV Hindi Image Source : AP ईरान का फ्लैग।

तेहरान: यमन में एक मामले में मौत की सजा पाई केरल की नर्स निमिशा प्रिया के केस में ईरान ने भारत की मदद करने की पेश की है। एक ईरानी अधिकारी ने कहा कि तेहरान मानवीय आधार पर इस मामले में जो कुछ भी मदद कर सकता है वह उसके लिए तैयार है। बता दें कि यमन में ईरान समर्थित हूतियों का देश के अधिकांश हिस्से पर कब्जा है। इसमें यमन की राजधानी सना भी शामिल है। ऐसे में यमन पर ईरान का काफी प्रभाव है। 

बता दें कि भारतीय नर्स को यमन में एक नागरिक की हत्या करने के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई है। वह 2017 से जेल में है। यमन के राष्ट्रपति ने गत माह निमिशा को मौत की सजा को बरकरार रखा है। भारत ने कहा है कि वह इस मामले में नर्स की मदद करने के लिए उसके परिवार और संबंधितों के संपर्क में है और सभी तरह के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। 

ईरान क्यों करना चाहता है मदद

ईरान ने भारतीय कान्सुलेट के अधिकारियों के साथ इस मसले पर एक और दौर की वार्ता करने की इच्छा जाहिर की है। तेहरान को उम्मीद है कि इसके साथ ही उसे भारत के साथ तेल की आपूर्ति समेत अन्य व्यापार संबंधों को पुनर्जीवित करने का मौका मिल सकेगा। ईरान ने यह पेशकश ऐसे वक्त में की है, जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कच्चे तेल के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में ईरान रूस के तेल बाजार का विकल्प बनना चाहता है। हालांकि हाल में अमेरिका ने ईरान की भी 3 तेल कंपनियों पर बैन लगा दिया है। 

तेहरान भारत को बेचना चाहता है तेल

ईरान को उम्मीद है कि तेहरान भारत के साथ व्यापार संबंधों को पुनर्जीवित करने का आह्वान करेगा, जिसमें...जिसमें भारत को तेल की आपूर्ति फिर से शुरू करना भी शामिल है। ईरान ने भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते की भी इच्छा जाहिर की है, जिसमें प्रतिबंधों का सामना करने के बावजूद तेहरान के साथ व्यापार को बढ़ावा देने का अवसर मिल सके। हालांकि ईरान और रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की अलग-अलग वजहें हैं। मगर ईरान के मन में यह सवाल बना हुआ है कि जब वह प्रतिबंधों के बावजूद भारत रूस से तेल खरीद सकता है तो तेहरान से क्यों नहीं?

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