Iran Hijab: ईरान में हिजाब विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में कई लोगों की जाने भी जा चुकी हैं। सैंकड़ों लोग घायल हैं लेकिन सरकार और प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हो रहे हैं। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए ईरानी सरकार ने देश में इंटरनेट बंद कर दिया है। अब ईरानी अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है।
ईरान में इंटरनेट पूरी तरह ठप
अधिकारियों ने कहा कि वे सड़कों पर शांति बहाल होने तक देश में इंटरनेट की पहुंच को बैन करेंगे। गौरतलब है, पुलिस की हिरासत में एक युवती की मौत पर विरोध प्रदर्शन ने इस्लामिक गणराज्य को हिला कर रख दिया है। पिछले हफ्ते 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद से हजारों ईरानी विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं, जिन्हें तेहरान में पकड़ लिया गया था और एक 'री-एजुकेशन सेंटर' में ले जाया गया था, जाहिर तौर पर इसकी वजह हिजाब का ठीक से नहीं पहनना था।
40 शहरों में प्रदर्शन
सीएनएन ने बताया कि शुक्रवार से, राजधानी तेहरान सहित देश भर में कम से कम 40 शहरों में प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है।
प्रदर्शन में दर्जनों प्रदर्शनकारी मारे गए
सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में दर्जनों प्रदर्शनकारी कथित तौर पर मारे गए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने शुक्रवार को कहा कि चार बच्चों समेत कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है। सरकारी मीडिया इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग (कफकइ) के मुताबिक, 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
हम इंटरनेट पर बैन लगाने के लिए बाध्य- ईरान के कम्युनिकेशन मंत्री
सीएनएन ने बताया कि अधिकारियों को उम्मीद है कि इंटरनेट पर बैन लगाकर वे विरोध को नियंत्रण में ला सकते हैं। शुक्रवार को स्टेट ब्रॉडकास्टर कफकइ से बात करते हुए, ईरान के कम्युनिकेशन मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा, "दंगों के खत्म होने तक, इंटरनेट की सीमाएं होंगी। सोशल मीडिया के माध्यम से दंगा को रोकने के लिए, हम इंटरनेट पर बैन लगाने के लिए बाध्य हैं।"
क्या है मामला
माहसा अमीनी (22) को हिजाब सही तरीके से नहीं पहनने को लेकर 13 सितंबर को हिरासत में लिया गया था। पुलिस हिरासत में तीन दिनों बाद उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने उसकी मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया था। इसके बाद, जनाक्रोश पैदा हो गया। अमीनी को 17 सितंबर को दफन किये जाने के बाद प्रदर्शन शुरू हुए और यह दर्जनों शहरों में फैल गये हैं। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, कम से कम 11 लोग मारे गये हैं। धीरे-धीरे यह मामला संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गया है। खास बात है कि अमेरिका भी इरानी महिलाओं के पक्ष में आ गया है। मानवाधिकार संगठन भी इरान सरकार की इस मामले में निंदा कर रहे हैं।
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