Iran Hijab Row: ईरान में कई महीनों से चल रहे हिजाब विवाद की वजह से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। हिजाब को जबरन लागू कराए रखने के लिए ईरान सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार हुई महसा अमीनी से मोरैलिटी पुलिस ने जमकर क्रूरता की थी। महसा अमीनी को इतना मारा-पीटा गया कि पुलिस कस्टडी में उनकी मौत हो गई थी।
महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान की महिलाओं ने हिजाब कानून और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों के खिलाफ भी मोरैलिटी पुलिस ने दमनकारी रवैया अपनाया। तमाम क्रूरता के बावजूद महिलाओं ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। आखिर में ईरान सरकार को झुकना ही पड़ा। अब ईरान सरकार ने मोरैलिटी पुलिस को ही सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि ईरान में इस्लामी कानूनों को मोरैलिटी पुलिस लागू करवाती है।
ईरान के प्रॉसिक्यूटर जनरल ने बताया कि मोरैलिटी पुलिस को सस्पेंड किया जा रहा है। जाफर मोंटाजेरी ने कहा कि मोरैलिटी पुलिस का मिशन हाल में हो रहे दंगों को रोकने के लिए किया गया था और अब यह मिशन खत्म हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरी कवायद का कोर्ट से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मोरैलिटी पुलिस को हमेशा के लिए बंद किया जाएगा या नहीं।
क्या है ईरान की मोरैलिटी पुलिस?
गौरतलब है ईरान में इस्लाम से जुड़े नियमों जैसे कि हिजाब, बुर्का आदि का पालन कराने के लिए मोरैलिटी पुलिस बनाई गई है। सफेद और हरे रंग की वैन से चलने वाली इस पुलिस के कर्मचारी कहीं पर भी महिलाओं को टोकते दिख जाते हैं। कई बार यह रोक-टोक हिंसक रूप ले लेती है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब महिलाओं को उनके हिजाब को लेकर सरेआम बुरी तरह मारा-पीटा जाता है। ऐसा ही मामला महसा अमीनी का था।
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